कैसे पार जाऊं मैं…

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** जग बना आग का दरिया, कैसे तुझे बतलाऊं मैं। नाव है खेवनहार नहीं, कैसे पार जाऊं मैं। हूँ अपनों की महफ़िल में, पर बेगाना कहलाऊं मैं। कोई नहीं तेरे सिवा, मन को कैसे समझाऊं मैं। पाया रब दिल के पास तुझे, खुशियों से कैसे झूम न जाऊं मैं॥ परिचय –अनिल … Read more

नया सबेरा

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** कश्मीर से कन्याकुमारी, बन गई एक फुलवारी। एक हो गए अब नर-नारी, गूंजेगी खुशियों की किलकारी। जो रखेंगे नापाक इरादे, मिट जायेगी उनकी मक्कारी। कश्मीर की बात हो गई न्यारी, होगी चहुँओर मुस्कान प्यारी। न तेरा है,न मेरा है ये तो, हिंदुस्तान का नया सबेरा हैll परिचय –अनिल कसेर का … Read more

शब्दों का संसार

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** शब्दों का होता अपना ही संसार है, शब्द से जीत शब्द से ही हार है। शब्द से टूटते शब्द से ही जुड़ते परिवार हैं, शब्द से कहीं प्यार-कहीं तकरार है। शब्द पतझर,शब्द ही बसंत बहार है, शब्द है नाव तो शब्द ही पतवार है। शब्द फूल तो शब्द ही तलवार … Read more

पानी बिन जग सूना

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** ऐ मालिक देख, फिर तेरी बात हो रही। ख़ुद की करनी भोग रहे, और रब से फरियाद कर रहे। पेड़ काट-काट कर, हमने अपनी औकात दिखाई। जब प्राण फंसे संकट में, कहते खुदा तू हरजाई। कहीं पानी से हाहाकार मचा, कहीं बूंद-बूंद में जीवन फंसा। धरती प्यासी-प्राणी प्यासे, देख हाल … Read more

कारगिल विजय

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. सरफरोशी की तमन्ना आज भी हमारे दिल में है, कारगिल विजय पर हमारी बातें होती हर महफ़िल में है। नापाक इरादे से जो सरहद पे रक्खे कदम, तोड़ कर उनके इरादे कर देंगे उन्हें वहीं दफन। भगतसिंह-सा संकल्प कर मनजीत ने दिल में ठान के, … Read more

महिमा बरसात की

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** अब तो हो जाने दो बरसात, तपन से धरा हो गई है त्रास। बुझ रही थी नहीं सभी की प्यास, बरसात होने से पूरी हुई आस। पानी के लिए मचा था हाहाकार, बरसात होने से आया करार। ह्रदय में धरती के पड़ रही थी दरार, बरसात के आने से आ … Read more

कर्म ही धर्म

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** वाह रे इंसान कहता रहता है- मेरा है मेरा है, सोच कर तो देख क्या तेरा हैl मिला जो तन, क्या तेरा कमाया हुआ है धनl माँ-बाप का है तू अंश, जो कुछ भी है जीवन में वो है तेरा कर्म माँ-बाप,भाई-बहन, पत्नी,बच्चे न दोस्त-यार साथ निभायेंगे। तेरा कर्म ही … Read more

मजदूर कौन नहीं…

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** मजदूर कौन नहीं… मैं आप और वो, जो लड़े कठिनाइयों से, न घबराएं बुराइयों से जो घटाये परेशानियों को, और भूल जाये नादानियों कोl मजदूर कौन नहीं… मैं आप और वो, कोई करे कर्म नाम कमाने को कोई करे काम भूख मिटाने को, कोई बनवाता है महल दिखाने को कोई … Read more

माँ धरती

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… प्रकृति को छेड़ के क्यों कर रहा नाश, दुनिया का ऐसे में हो जाएगा विनाश। भौतिक साधनों से हो गया लाचार, पर्यावरण को कर दिया दूषित और बेकार। ना कर इंसा ऐसी नादानी, जीवन दे के पड़ेगी कीमत चुकानी। ना दिखा ऐसे विकास के सपने, … Read more