कैसे पार जाऊं मैं…
अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** जग बना आग का दरिया, कैसे तुझे बतलाऊं मैं। नाव है खेवनहार नहीं, कैसे पार जाऊं मैं। हूँ अपनों की महफ़िल में, पर बेगाना कहलाऊं मैं। कोई नहीं तेरे सिवा, मन को कैसे समझाऊं मैं। पाया रब दिल के पास तुझे, खुशियों से कैसे झूम न जाऊं मैं॥ परिचय –अनिल … Read more