मैं हिंद की बेटी हिंदी

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)********************************************************* भारत के,उज्जवल माथे की,मैं ओजस्वी…बिंदी हूँमैं हिंद की बेटी…हिंदी हूँ। संस्कृत,पाली,प्राकृत,अपभ्रंश की,पीढ़ी-दर-पीढ़ी…सहेली हूँमैं जन-जन के,मन को छूने की,एक सुरीली…सन्धि हूँ।मैं मातृभाषा…हिंदी हूँ मैं देवभाषा,संस्कृत का आवाहनराष्ट्रमान…हिंदी हूँ।मैं हिंद की बेटी…हिंदी हूँ पहचान हूँ हर,हिन्दोस्तानी की…मैंआन हूँ हर,हिंदी साहित्य केअगवानों की…मैं। माँ,बोली का मान हूँ…मैंभारत की,अनोखी शान हूँ…मैंमुझको लेकर चलने वाले,हिंदी लेखकों … Read more

मुद्दे उठाए जाते हैं

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)********************************************************* मेरे देश में,मुद्दे उठाए जाते हैं।जिंदगी के असल सच से,लोगों के ध्यान हटाए जाते हैं। घटना को,घटना होने के बाददेकर दूसरा ही रुख।असल घटनाओं पर,पर्दे गिराए जाते हैं।मेरे देश में…मुद्दे… जिंदगी किन,हालातों में बसर करती है।पंचवर्षीय सरकारों में,अमीर-गरीब के मापदंडों मेंमध्यवर्ग को,बस वायदे ही थमाए जाते हैं।मेरे देश में…मुद्दे… जागें…असल पहचानिए,जो … Read more

उम्मीद..जिंदगी

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)***************************************************************** जिंदगी उम्मीद पर टिकी है,परेशानियां…कितनी भी आ जाएआने वाली हर खुशी की,उम्मीद पर टिकी है। जिंदगी उम्मीद पर टिकी है,आज…बंद है जिंदगीजिन हालात में,खौफ के इस मंजर मेंकुदरत की होगी करामात,इस उम्मीद पर टिकी है। अपनी आस का दीया,जलाए रखनावक्त बदलेगा,अपने सब्र के इम्तिहान मेंअपने हाथों में,आखिरी उम्मीद कीचिंगारी को टिकाए … Read more

तू क्यों…नहीं बोलेगा…?

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** बंद पड़ी सोच को,जब हिलाना ही नहीं हैखबर पढ़कर भी जब,आवाज़ उठाना ही नहीं हैटुकड़ा यह कागज का…रद्दी नहीं,तो…और क्या है ?कब तक,खुद को,दूसरे की आग से बचाओगेनफ़रतों की चपेट में,तुम भी तो आओगेयह बोलेगा…!वो बोलेगा…?गलत को गलत,कहने को भी इतना क्यों सोचेगातू क्यों…नहीं बोलेगा…?अच्छे समाज को कौन बनाएगा!कलयुग है,भाई कलयुग … Read more

जीवन है ‘शिव’

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** शिव जीवन है,शिव मरण हैशिव सत्य है,शिव सनातन है। शिव ओ३म है,शिव वेद हैशिव विधान है,शिव गीत है। शिव नाद है,शिव धरा हैशिव व्योम है,शिव नदिया है। शिव महासागर है,शिव शिला हैशिव शिखर है,शिव रस है। शिव स्वाद है,शिव वन हैशिव मन है,शिव ज्ञान है। शिव विज्ञान है,शिव शक्ति हैशिव भाक्ति … Read more

विकास ही नज़र आएगा

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** फिर भी देशवासियों,किसे क्या…नजर आएगाविकास ही नज़र आएगा। आज़ादी के मूल्यों का,देश क्या-क्या मूल्य चुकाएगा।अब तक देश ही जानता है,राजनीतिक दलों द्वाराकितना घसीटा जाएगा।फिर भी देशवासियों,विकास ही नज़र आएगा॥ सभ्यता की आड़ में,विदेशी रंग चमचमाएगा।अपना देश गंदा,विदेश साफ ही नज़र आएगा।मेरा भारत झाड़ू पकड़ के,‘स्वच्छता अभियान’ चलाएगा।फिर भी देशवासियों,विकास ही कहलाएगा॥ … Read more

वीर प्रताप…राणा

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. वीर भूमि राजस्थान का, वह वीर प्रताप वह राणा था। जिसके साहस से काँप गया, अकबर ने लोहा माना था। सात फुट के वीर का, ७२ किलो का भाला था। २०० किलो का कवच पहनकर, चेतक पर चलता आजादी का वीर मतवाला था। … Read more

रफ़्तार बनती हैं बेटियाँ

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** जीवन में झंकार, बनती है बेटियाँ। एक लय-एक ताल, बनती है बेटियाँ। जिंदगी चाहे जैसे भी, चलती रहे। जिंदगी की एक, रफ्तार बनती है बेटियाँ। जीवन में सात सुरों का, राग बनती है बेटियाँ। जिंदगी का आगाज, बनती है बेटियाँ। रस्मों-रिवाजों से, कितना भी हम डरते रहें, एक त्यौहार … Read more

जीवन का हर सत्य राम से है

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** मर्यादा का कीर्तिमान राम से है, त्याग का अमिट उदाहरण राम से है। मैं कैसे न गर्व करूँ, मैं वंशज हूँ राम का… जीवन का हर सत्य राम से है॥ संयम की असीम कथा राम से है, प्रेम की अमिट व्यथा भी राम से है। मैं कैसे न गर्व … Read more

किताबें भी दिमाग रखती हैं

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** किताबें भी, एक दिमाग रखती हैं। जिंदगी के, अनगिनत हिसाब रखती हैं। किताबें भी, एक दिमाग रखती हैं… किताबें जिंदगी में, बहुत ऊंचा मुकाम रखती हैं। यह उन्मुक्त, आकाश में ऊंची उड़ान रखती है। किताबें भी, एक दिमाग रखती हैं… हमारी सोच के, एक-एक शब्द को हकीकत की, बुनियाद … Read more