कुल पृष्ठ दर्शन : 189

You are currently viewing तू क्यों…नहीं बोलेगा…?

तू क्यों…नहीं बोलेगा…?

प्रीति शर्मा `असीम`
नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)
******************************************************************

बंद पड़ी सोच को,
जब हिलाना ही नहीं है
खबर पढ़कर भी जब,
आवाज़ उठाना ही नहीं है
टुकड़ा यह कागज का…रद्दी नहीं,
तो…और क्या है ?
कब तक,खुद को,
दूसरे की आग से बचाओगे
नफ़रतों की चपेट में,
तुम भी तो आओगे
यह बोलेगा…!
वो बोलेगा…?
गलत को गलत,
कहने को भी इतना क्यों सोचेगा
तू क्यों…नहीं बोलेगा…?
अच्छे समाज को कौन बनाएगा!
कलयुग है,भाई कलयुग है
यह तो सब रोते हैं,
सतयुग कोई बाहर से नहीं आएगाll

परिचय-प्रीति शर्मा का साहित्यिक उपनाम `असीम` हैl ३० सितम्बर १९७६ को हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में अवतरित हुई प्रीति शर्मा का वर्तमान तथा स्थाई निवास नालागढ़(जिला सोलन,हिमाचल प्रदेश) हैl आपको हिन्दी,पंजाबी सहित अंग्रेजी भाषा का ज्ञान हैl पूर्ण शिक्षा-बी.ए.(कला),एम.ए.(अर्थशास्त्र,हिन्दी) एवं बी.एड. भी किया है। कार्यक्षेत्र में गृहिणी `असीम` सामाजिक कार्यों में भी सहयोग करती हैंl इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी,निबंध तथा लेख है।सयुंक्त संग्रह-`आखर कुंज` सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंl आपको लेखनी के लिए प्रंशसा-पत्र मिले हैंl सोशल मीडिया में भी सक्रिय प्रीति शर्मा की लेखनी का उद्देश्य-प्रेरणार्थ हैl आपकी नजर में पसंदीदा हिन्दी लेखक-मैथिलीशरण गुप्त,जयशंकर प्रसाद,निराला,महादेवी वर्मा और पंत जी हैंl समस्त विश्व को प्रेरणापुंज माननेवाली `असीम` के देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“यह हमारी आत्मा की आवाज़ है। यह प्रेम है,श्रद्धा का भाव है कि हम हिंदी हैं। अपनी भाषा का सम्मान ही स्वयं का सम्मान है।”

Leave a Reply