सौतन
बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* हिंदी दिवस स्पर्धा विशेष……………….. सौतन मेरे प्रिय सखे रचनाधर्मी, अशेष स्नेहाशीष। आज मैं अपनी पीर कहानी पत्र द्वारा तुम्हें बता रही हूँ,क्योंकि राजसभा में द्रौपदी से भी बदतर स्थिति है मेरी वर्तमान में। अब तो बस श्रीकृष्ण की तरह तुम्हारा ही भरोसा शेष है। इसी आशा और विश्वास से पत्र लिख … Read more