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दोहा छंद विधान

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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आओ दोहा सीख लें,शारद माँ चितलाय।
सीख छंद दोहा रचें,श्रेष्ठ सृजन हो जायll

ग्यारह तेरह मात्रिका,दो चरणों में आय।
चार चरण का छंद है,दोहा सुघड़ कहायll

प्रथम तीसरे चरण में,तेरह मात्रा आय।
दूजे चौथे में गिनो,ये ग्यारह रह जायll

चौबिस मात्रिक छंद है,कुल अड़तालिस होय।
सुन्दर दोहे जो लिखे,सत साहित्यिक जोयll

विशेष-
दोहा ४ चरणों का मात्रिक छंद होता है।
प्रथम व तृतीय चरण में १३,१३ मात्राएँ होती है।
द्वितीय व चतुर्थ चरण में ११,११ मात्राएँ होती है।

१.प्रथम व तीसरे चरणांत में २१२ (जैसे-मान है) या १११ (जैसे-कमल)
२.दूसरे व चौथे चरणांत में २ १(जैसे-आव, मान,आमान,अवसान)
३.चरणों की शुरूआत कभी भी ५ मात्रा वाले शब्द(पचकल)से न हो।
४.तर्ज में गुनगुना कर देखें,लय भंग हो तो बदलाव करें। मात्रा स्वतः ही सही हो जाएगी।
५.चरणों की शुरुआत जगण से (१२१) न हो। महेश,सुरेश,दिनेश, गणेश आदि देव नाम मान्य है,बाकी नहीं।
शेष जानकारी व गूढ़ नियम आप बाद में जुटा सकते हैं। लिखना शुरु करेंl जैसे-
ऋचा बड़ा शुभ नाम है,वेदों जैसी भाष।
१ २ १ २ १ १ २ १ २, २ २,२ २,२ १
१३ , ११
हिन्दी बिन्दी सम रखे,हरियाणा शुभ वास॥
२२ २२ ११ १२,११२२ ११ २१
१३ , ११
इस तरह सीखें-
मात शारदा सुमिर के,सुमिरो देव गणेश।
दोहा रचना सीखिए,कविजन सुमिर’महेश॥

दोहा छंदों में लिखो,कविजन अपनी बात।
तेरह ग्यारह मात्रिका,अड़तालिस हो जात॥

प्रथम तीसरे चरण में,तेरह मात्रा पूर।
गुरु लघु गुरु चरणांत हो,भाव भरे भरपूर॥

विषम चरण के अंत में,लघुलघुलघु भी होय।
लय में गाकर देख लो,लय बाधा नहि होय॥

द्वितीय चौथे चरण में,ग्यारह मात्रा होय।
सम चरणों के अंत में,गुरु लघु मात्रा जोय॥

पचकल से शुरु मत करो,कभी चरण कविराइ
भाषा भावों में भरो,देख लीजिए गाइ।।

चरणों के प्रारंभ में,जगण दोष नहि आय।
नाम देव के होय तो,जगण दोष बचि पाय॥

सम से ही चौकल सजे,
त्रिकल त्रिकल से मान।
भाव भरे मन में रचे,
दोहे सुन्दर शान॥

सम चरणों के अंत में,जो पचकल आ जाय।
दोहा भी सुन्दर लगे,सृजन सुघड़ हो जाय॥

दोहा छंदों में लिखा,दोहा छंद विधान।
शर्मा बाबू लाल ने,सीखें रहित गुमान॥

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैl राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैl सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंl शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैl आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैl

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