अनकही दास्तान

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* फलक पर सज रहा कहीं कोई साज है,कुदरत के साए में दफन उसके कई राज हैं। खामोश पर्वत भी अक्सर गुनगुनाता है,अनजाने-अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठाता है। कहता है अक्सर सुनो ऐ धरती-ऐ आसमान,अनकही गुत्थियों में उलझा है तेरा जहान, जीना हो तो पत्थर बनकर जियो,फूलों की कोई जिंदगी होती नहीं। आंधी-तूफान हो … Read more

बाजीगर

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* बैठी हूँ आसमाँ तले सामने लहरों के बाजार हैं,उन्मादित लहरों के दिखते अच्छे नहीं आसार हैं। उफनती लहरों से कह दो राह मेरी छोड़ दे,बैठी हूँ चट्टान बन कर रुख अपना मोड़ ले। ज्वार भाटा से निकली प्रचंड अग्नि का सैलाब हूँ,हैवानियत को जलाकर खाक करने वाली आग हूँ। बार-बार पटकी गई हूँ … Read more

घर सुरक्षित तो ही देश स्वस्थ

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* सुबह की पहली डोर बेल बजते ही हम दौड़ पड़ते हैं अखवार के लिए। बचपन से यही तो देखा है कि सुबह की शुरुआत गर्मा-गर्म चाय और गर्मा-गर्म ख़बरों के साथ होती रही है,पर आज के इस दौर में अख़बार का हर पन्ना, टी.वी. का हर चैनल, मीडिया का हर श्रोता लहूलुहान है। … Read more

तलाक

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* रात के ३ बज रहे थे,पर नींद आँखों से कोसों दूर थी। सारी रात बिस्तर पर करवटें बदलता रहा। दस सालों से मैं वकालत के पेशे में हूँ,हर तरह के लोगों के बीच मेरा उठना-बैठना है। बहुत मामले (केस) सुलझाए थे मैंने। वकालत के गलियारे का शहंशाह माना जाता हूँ,लोग मुझे चेतक कहते … Read more

जल है मेरी आस्था

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… ‘ज’ से जग है ‘ल’ से लय है,जग की लय है कल-कल धारा,मधुर दिव्य संगीत बनाकरप्रभु ने इसे धरती पर उतारा। बूंद-बूंद में आस जीवन की,अमृत मई ये पावन धारासुनकर दिव्य संगीत मधुर,झूम रहा है जीवन सारा। धरती पर है सागर गहरा,देता हिम पर्वत पर पहरानहर नदी … Read more

सम्मान चाहता है नारी अस्तित्व

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* यह सर्वविदित है कि आज २१वीं सदी में नारी पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है,पर यह कहना गलत नहीं होगा कि नारी ने इस मुकाम को पाने के लिए युगों-युगों से युद्ध किया है । आज भी उसका युद्ध जारी है। कहते हैं भारतीय सभ्यता ने हमेशा नारी को पूज्य … Read more

कसक तेरे प्यार की

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* न,इस तरह मेरे ख्यालों में आया करो,न,इस तरह मुझको सताया करो।अंधेरे में छुप कर बैठी हूँ मैं,न,इस तरह चिलमन हटाया करो। खौफ है तेरे खयालों से मुझको,न,इस तरह मुझे याद आया करो।ये हवाएं ये बारिश यह महकी फिजाएं,न,हर तरफ तुम ही तुम नजर आया करो। ये प्यार ये कसमें ये वादों की दुनिया,न,झूठे … Read more

इंतजार…

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* ख़ामोश अधरों की कहानीआँखें बयां करती रही,दर्दे जिगर का इंतहानीर छलकाती रही। हर बूंद पर दस्तकदे रहा था एक शख्स,भूल कर सारा जहां मैंलिपट गई देख उसका अश्क। लबों की सुर्ख़ियत परनाम था उस शख्स का,लहराते हर केश परइल्ज़ाम था उस शख्स का। साँसों की सरगम मेंतरंग थी उसके प्यार की,धड़कनें बता रही … Read more

पाँव नहीं है पर…

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* वक्त और जज्बातों का जब मिलन होता है,तभी नई रचना का उद्गम होता है।जन्मती है वो भावनाओं के गर्भ से,झूलती है वो शब्दों के झूले में।बढ़ती है वो ख्वाबों की ताबीर लिए,चलती है सुर-ताल की झंकार लिए।किन शब्दों से मैं करूँ इनकी अर्चना,पाँव नहीं है पर विश्व भ्रमण करती है रचना॥ कभी प्रेमी … Read more

इंतजार

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* ख़ामोश अधरों की कहानीआँखें बयां करती रही,दर्दे जिगर की इंतहा,नीर छलकाती रही। हर बूंद पर दस्तकदे रहा था एक शख्स,भूल कर सारा जहां मैंलिपट गई देख उसका अश्क। लबों की सुर्ख़ियत परनाम था उस श्ख्स का,लहराते हर केश परइल्ज़ाम था उस शख्स का। साँसों की सरगम मेंतरंग थी उसके प्यार की,धड़कनें बता रही … Read more