हिन्दी भाषा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ऐ हिन्द में रहने वालों, हिन्दी का मान बढ़ाओ। हिन्दी भाषा की ही तुम… हिन्दी भाषा की ही तुम, सारे जग में अलख जगाओ। जय हिन्द,जय हिन्द,जय हिन्दी भाषा, जय हिन्द,जय हिन्द,जय हिन्दी भाषा। जब अंग्रेजी था शासन, तब बनकर उसने रावण हिन्दीभाषी को कुचला… हिन्दीभाषी को कुचला, … Read more

प्रकृति की गुहार

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ओ आसमां वाले तू कभी आ तो जमीं पे, दे बन्दगी बन्दों को कभी आ के जमीं पे। ओ आसमां वाले… हर कोई यहां तेरे बनाये को मिटाता, बनाये को मिटाता, पर कोई मिटाये को नहीं फिर से बनाता, नही फिर से बनाता। हैं पेड़,नदी-नाले,सभी खत्म जमीं पे, … Read more

विवेक

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** अजय को सुबह आठ बजे आफिस पहुंचना होता है,लेकिन अक्सर नाश्ते में देर होने की वजह से वो समय पर नहीं पहुंच पाता। आज भी पौने आठ बज गए,पर नाश्ता नहीं लगा। अजय चिल्ला पड़ा,-“ये क्या तमाशा है रोज का! मैंने कल बताया था कि आज डायरेक्टर साहब … Read more

करीब और तुम जरा चले आओ…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरी शाख के काँटों पे मत जाओ, मेरे करीब और तुम जरा चले आओ। मेरी पंखुड़ी छू के बहक जाओगे, मेरी खुशबू पा के महक जाओगे। मेरी शाख… मेरी बादशाही तो हर चमन में है, रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में है। रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में … Read more

दिल की बात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** पत्थरों का शहर है,गलियां यहां काँटों की, एक भी शख्स नहीं,जिसने की बात दिल की। नहीं है कोई शहर में जो रखता दिल की बात, क्यूँ मैं आता शहर जो घर में होती बात दिल की। लोग आते हैं मुलाकात कर चले जाते, पर किसी ने न कभी … Read more

दिल का खयाल रखना जरा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** आपके साथ कब का कौन-सा रिश्ता है मेरा, आपसे बात करके ही दिल है लगता मेरा। मैं नहीं जानता क्या दिल तलाशता रहता, आप ही बताना मुझे दिल क्या है कहता मेरा। मैंने तो गुजारी उम्र अब तक दिल की सुन के, अब न जाने क्या-क्या बात दिल … Read more

हिन्दी भाषा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. धरा माथे की बिंदिया है हिन्दी भाषा, हिन्द के जन-मन में रचती-बसती हिन्दी भाषा। विश्व शिखर पर है हिन्दुस्तानी हिन्दी भाषा, हिमालय के शिखर से तराइयों तक है हिन्दी भाषा। हिन्दी भाषा मान-अभिमान,शान और जान है, नभ के जैसे दिन में सूरज,रात में तारे … Read more

अभियान `चन्द्रयान` नहीं रुकेगा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** भारत का अभियान ‘चन्द्रयान’ नहीं थमेगा,नहीं रुकेगा, अपने भारत का तिरंगा ‘इसरो’ चाँद पर फहराएगा। हम भारतवासी एक-दो,चार-छह,या आठ-दस नहीं,हैं पूरे सवा सौ करोड़, हर किसी की बदनीयती,बदमिजाज,मन्सूबे पलक झपकते ही देंगे तोड़। हम अपने घरों में भले हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख, इसाई हैं, पर बात आए देश की आन पे,तो … Read more

कुछ तो दूं अपने हिन्दुस्तान को

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** कैप्टन सुरजन सिंह आर्मी सर्विस से सन् १९९२ में रिटायर होकर जबलपुर में बस गये। परिवार में पत्नी,दो बेटे गुलवीर और जसवीर, एक बेटी कुलजीत कौर कुल पांच लोग थे। समृद्धि,खुशहाली सब-कुछ था। कैप्टन साहब अक्सर शाम-रात को बैठते,और बड़े बेटे को आवाज देते-“ओये गोलू तूने बताया नहीं,क्या … Read more

माँ

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ओ…माँ…,ओ….माँ….,ओ…माँ…,ओ…माँ…..। तू मेरा जीवन है, तू मेरा तन-मन है। तुझी से धड़कन है, ओ…माँ…,ओ…माँ…। ओ…माँ…,ओ…माँ…ll मुझमें ही देखा सुख अपना,तूने न देखा दु:ख कोई अपना, मेरी खुशियों की खातिर देखा,जागती आँखों से सपना। मेरे हर दु:ख में तेरी ये आँखें बही। मेरी नींदों के लिये ये रातों में … Read more