ओ मेरे कृष्ण मुरारी…

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** नैन मिला के तुम संग हारी, ओ मेरे कृष्ण मुरारी… ओ मेरे कृष्ण, अब तो नैन थके बनवारी, बृज की सारी यादें बिसारीl अब तो…ll रोग लगा तुमसे कन्हाई, सुख-चैन मैंने गंवाई… टूट रही आशा पल-पल, बस सुधी ले लो एक बार हमारी… श्यामा रे…l अब तो नैन…ll जो ना समझो … Read more

है कैसी बरसात

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ******************************************************************************—- मौसम है बहारों का, रिमझिम-सी फुहारों का तेरी-मेरी बातों का, प्यार भरी मुलाकातों का उभरते जज्बातों का…l मौसम है… छोड़ो सारे गिले-शिकवे, बरखा की बूंदों से मिलेl पत्ते-पत्ते डाली-डाली, कैसे झूम-झूम के मिलेl हाँ मौसम इनसे मिलने का हसरत भरी निगाहों का…। मौसम है… तेरी-मेरी कहानी हो, कुछ यादें पुरानी होl … Read more

अच्छी ज़िद

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** राजू बहुत खुश था,होता भी क्यों नहीं। उसके दादाजी आने वाले थे,पर थोड़ा नाराज़ भी थाl एक हफ्ते से माँ और पापा से पैसे मांग रहा था, कोई उसे दे नहीं रहा थाl भाई ने भी नहीं दिए,जो सातवीं कक्षा में पढ़ रहा था गौरव,उससे तीन साल छोटा था राजू। गरमी … Read more

तुम्हारे हृदय से

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** अपना सुर तुमसे मिलाकर गीत बनाया शब्द सजाकर, गूंज उठे उपवन गुलशन होंठों पर इक लय गुनगुनाकर। अपना… सुगंध से महक गई बगिया फूलों पर आ गई तितलियां, लेने लगी वो भी अंगड़ाईयां दूर हुई सबकी तन्हाईयां। अपना सुर… जबसे तुम्हारा सहारा हुआ हर पल समझो हमारा हुआ, दिल के अंदर … Read more

दर्द

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** बात बहुत छोटी रहती है पर दिल समझ ना पाए, उनकी बातों से मेरी आज आँखों में आँसू उतर आए, जैसे शाम को भूला कोई… घर भटकते पास आ जाये। कैसा रिश्ता होता है ये क्यूँ भरोसा करके उन पर, चोट बहुत वो पहुंचाता है कितना समय निकल गया, फिर वही … Read more

वादा

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** तुमसे कुछ कहना है… मौसम ने बहारों से, फूलों की वादियों से चाँद ने सितारों से और, सभी ने एक-दूसरे से वादा लिया है…। सुनो मैंने भी तुमसे वादा लिया है… संग तुम्हारे चलने का साथ तुम्हारा देने का, कभी ना दिल दुखाने का चोट ना पहुंचाने का वादा लिया है…। … Read more

संगम बादल-धरती का

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** महक उठी इठलाई धरती, बादल के आलिंगन से। पशु-पक्षी लगे चहचहाने, पेड़-पौधे भी लगे लहलहाने। बारिश से अठखेलियाँ करते, फुदक रहे थे नौनिहाल। धरती के इस अदभुत स्वागत से, फूला नहीं समाया बादल भी आज। स्नेह की बारिश से उसने, भरपूर प्यार लुटाया…। तभी उठे गरम हवा के, गुब्बारे ने … Read more

हमारे पिता

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** प्यार और दुलार, सुंदर मीठी बयार ऐसा पिता का प्यार, कैसे करूं उनका गुणगान…। अपनी इच्छाओं को, देकर कुर्बानी हमारी जिंदगी कर दी सुहानी, घर की वो है मजबूत छत होंठों पर रखते मुस्कान। कैसे करूं उनका… हर दर्द की दवा रहे, परिस्थितियों से लड़ते रहे हमको भी समझाते रहे, सही … Read more

दर्द सारे सह गए

सुदामा दुबे  सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* मौन से रहे कभी तो, दिल की कभी कह गए। हम भी अपने दर्द सारे, हँसते-हँसते सह गए। मुरझाये नेह सुमन, जिंदगी की धूप में, साजिशों की लहरों में, रिश्ते सभी बह गए। वक्त की चलीं ऐसी, बेरहम-सी आँधियाँ, सपनों के महल सारे, देखते ही ढह गए। गैरों की बातों का, … Read more

भारतीय संस्कृति और भाषाओं के वैश्विक प्रचारक प्रो.रत्नाकर नराले

डॉ.राकेश कुमार दुबे टोरंटो(कनाडा) ************************************************************** टैग-साहित्य सेवा को समर्पित …….. भारत से बाहर भारतीय मूल के लोगों एवं अभारतीय लोगों में भारतीय संस्कृति और भारतीय भाषाओं के प्रचार में भारतीय मूल के कनाडा निवासी प्रो.रत्नाकर नराले का नाम आज सबसे प्रमुखता से लिया जाता है। लगभग ५० वर्षों से कनाडा में रहते हुए प्रो.नराले हजारों … Read more