कुल पृष्ठ दर्शन : 569

You are currently viewing वादा

वादा

पूनम दुबे
सरगुजा(छत्तीसगढ़) 
******************************************************************************
तुमसे कुछ कहना है…
मौसम ने बहारों से,
फूलों की वादियों से
चाँद ने सितारों से और,
सभी ने एक-दूसरे से वादा लिया है…।

सुनो मैंने भी तुमसे वादा लिया है…
संग तुम्हारे चलने का
साथ तुम्हारा देने का,
कभी ना दिल दुखाने का
चोट ना पहुंचाने का वादा लिया है…।

पर मैं कुछ पूछना चाहती हूँ…
तुम्हारे वादों का क्या ?
कभी देखा नहीं,
मेरी पलकों पर ढुलकते आँसू…
कभी मेरे दिल की हुक,
सुनाई नहीं देती
तुम्हारे वादों का क्या…।

माँ-पिता का साथ छोड़,
संग तुम्हारे चलती आई…
इक डोर से दूसरी डोर में,
बंध गईं साथ तेरे चली आई…
कितने रिश्ते में फँसी,
साँसों को ना गिन सके…
तुम्हारे वादों का क्या…।

जैसे कोई मोम की गुड़िया…
चाबी भरी और चालू गुड़िया,
बस अपने में खोई
आसमान पर देखूं,
हँसते फूलों पर मुस्काऊं
उनसे और मैं क्या बताऊं,
तुम्हारे वादों का क्या…॥

परिचय-श्रीमती पूनम दुबे का बसेरा अम्बिकापुर,सरगुजा(छत्तीसगढ़)में है। गहमर जिला गाजीपुर(उत्तरप्रदेश)में ३० जनवरी को जन्मीं और मूल निवास-अम्बिकापुर में हीं है। आपकी शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत विशारद है। साहित्य में उपलब्धियाँ देखें तो-हिन्दी सागर सम्मान (सम्मान पत्र),श्रेष्ठ बुलबुल सम्मान,महामना नवोदित साहित्य सृजन रचनाकार सम्मान( सरगुजा),काव्य मित्र सम्मान (अम्बिकापुर ) प्रमुख है। इसके अतिरिक्त सम्मेलन-संगोष्ठी आदि में सक्रिय सहभागिता के लिए कई सम्मान-पत्र मिले हैं।

Leave a Reply