लिखूँगी भाग्य मैं खुद का

तृषा द्विवेदी 'मेघ'उन्नाव(उत्तर प्रदेश)***************************************** (रचना शिल्प:विधाता छन्द,बहर-१२२२×४,रस-वीर) मुझे जाना शहर ये छोड़ फिर वापस नहीं आना,लिखूँगी भाग्य मैं खुद का यही संकल्प है ठाना। नहीं रुकना सफर चाहे मुझे तन्हा…

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किसी ने मुझे छोड़ा है

शिवम द्विवेदी ‘शिवाय’  इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** किसी ने मुझे छोड़ा है दिल ऐसा तोड़ा, निकले न रूह मेरी,थम गई साँसें रुक गई धड़कन,बिखर गया हूँ अब, दे गई धोखा वो…

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