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किसी ने मुझे छोड़ा है

शिवम द्विवेदी ‘शिवाय’ 
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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किसी ने मुझे छोड़ा है दिल ऐसा तोड़ा,
निकले न रूह मेरी,थम गई साँसें
रुक गई धड़कन,बिखर गया हूँ अब,
दे गई धोखा वो मुझे दिल मेरा तोड़ाl

उसका मिलना हुआ था कुछ ऐसे,
आसमां को चाँद मिल गया हो जैसे
मुझसे वो मिलने को बेक़रार रहती,
तू मिला है किस्मत से वो यार कहती
मैंने ने भी लगा लिया दिल बन गया दीवाना,
मेरा पहला प्यार थी वो,जीने की आस थी
दूर हो के भी वो मेरे दिल के पास थी,
दूरी ये न समझ पाया अब हाथ न मेरे कुछ आयाl

किसी ने मुझे छोड़ा है दिल ऐसा तोड़ा,
निकले न रूह मेरी,थम गई साँसेंl
रुक गई धड़कन,बिखर गया हूँ अब,
दे गई धोखा वो मुझे दिल मेरा तोड़ाll

वो घूमती थी दुबई,लन्दन और सारी दुनिया,
मैं खोया था उसी में वो थी मेरी दुनिया
बेइंतहा मोहब्बत हो चुकी थी अब तक,
चाँद क्या है आज भी वो बढ़ के है अब तक
चेहरे की उसके क्या मैं अब मिसाल दूँ,
वो बेमिसाल आज भी तभी तो इस हाल हूँ
वो हो गई पराई क्यों अब तक न समझ पायाl

किसी ने मुझे छोड़ा है दिल ऐसा तोड़ा,
निकले न रूह मेरी,थम गई साँसें
रुक गई धड़कन,बिखर गया हूँ अब,
दे गई धोखा वो मुझे दिल मेरा तोड़ाll

हो गए महीने तीन टूटी उसकी यारी को,
याद आये रोज उसकी बताऊं कैसे उसको
रात को न नींद आये न दिन में आये करार,
हाल मेरा क्या है उस बिन,वो काश! पूछे यार
जी रहा मैं मर-मर के उस बिन मैं तनहा,
कोई न हो मुझसा,ज़ुदा अपने प्यार से
हर कोई रहे रहे ख़ुशी से साथ अपने प्यार के,
मेरा तो छोड़ो अब तुम रहो ख़ुशी से
आये तुम्हारे लिए सदा,मौसम बहार के,
बिखरा मैं रेत-सा प्यार अपना हार केl

किसी ने मुझे छोड़ा है दिल ऐसा तोड़ा,
निकले न रूह मेरी,थम गई साँसेंl
रुक गई धड़कन,बिखर गया हूँ अब,
दे गई धोखा वो मुझे दिल मेरा तोड़ाll

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