‘अत्त दीपो भवः’

नमिता घोषबिलासपुर (छत्तीसगढ़)**************************************** गौतम बुद्ध देव आज भी प्रासंगिक है। गौतम बुद्ध देव को ‘लाइट ऑफ एशिया’ के नाम से पुकारने का सबसे महत्वपूर्ण कारण है उनके विचार,उनकी शिक्षाएं। वे दु:ख का कारण एवं निवारण बताते हैं। गृहस्थों के लिए जीवन जीने की पद्धति बताते हैं,जिसे ‘पंचशील’ कहा जाता है। वे दुनिया के पहले ऐसे … Read more

घर-परिवार एवं हमारा दायित्व- एक चिंतन

नमिता घोषबिलासपुर (छत्तीसगढ़)**************************************** घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… बचपन जीवन की मुख्य अवस्था है। इसे बहुत ही जतन और स्नेह की आवश्यकता होती है,लेकिन वर्तमान समय में बचपन की उम्र घटने लगी है। बचपन से ही बे-मेल विचारों की बाढ़ आने लगी है, अब बचपन से ही बच्चे असमय ही परिपक्व होने लगे हैं। बचपन पर यह … Read more

माँ जैसा प्यार किसी भी रिश्ते में नहीं

नमिता घोषबिलासपुर (छत्तीसगढ़)**************************************** ‘विश्व मातृ दिवस’ सारे विश्व में मनाया जाता है। यूँ तो जिंदगी का कोई एक दिन या तारीख माँ को विशेष सम्मानार्थ के लिए ‘मातृ दिवस’ के रूप में मनाने का कोई भी औचित्य नहीं है। कारण,सृष्टि के आरंभ से माँ है-धरती,स्वयं माँ है प्रकृति,स्वयं माँ ही है जीवन का आधार। प्रतिदिन … Read more

मुझे एक मशाल दे दो

नमिता घोषबिलासपुर (छत्तीसगढ़)**************************************** जब-जब भी मैं देखती हूँ,निर्वासित करती हुई सती नारियाँबलात बिस्तर बनाई जाती है लड़कियाँ,पौरुष के पहाड़ों से जूझती हुई कोमलांगी वादियाँपति के प्रबंधन में पदार्थ बनती बेटियाँ।मेरे भीतर चीख उठती है,सदियों से घनीभूत होती आई हैनिराश्रित,पुरूष भक्ति पीड़ित नारियों के वे विलाप,हाहाकार,क्रंदन और अरण्य रोदनऔर टूटने लगती है मेरी खामोशी।लगता है चीत्कार … Read more

अवकाश में रहना चाहती हूँ

नमिता घोषबिलासपुर (छत्तीसगढ़)**************************************** अब मैं देख सकती हूँ आकाश का रंग बदलना- खानाबदोश लड़कियों के घाघरे का रंगकतार में उड़ती चिड़ियों का कतार में घर लौटना,ऊँटों का सिर उठा कर चलना,सुन राहुल-हवाई जहाज से तेरे पास जाते हुएबहुत नजदीक से देखा आकाश को,बादलों को, मानो विशाल एक कटोरा! सिर पर उलट रखा हैपर तेरे दूध … Read more