सम्हाल खुद को मोहब्बत में
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** यह दुनिया बनी है जो दुश्मन मेरी, तुम्हीं वह वजह हो,तभी तो हुई है… मेरी मुस्कराहट पर नाराज क्यों हो, मेरी आँखों में भी देखो,भरी हुई है। तोड़ लाऊंगा मैं भी चाँद और सितारे, यह मोहब्बत तो अभी शुरू ही हुई है… सावन-सी भी बरसेगी मोहब्बत मेरी, अभी तो यह … Read more