बुरा है तो वो बुरा है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** शमा जो जल उठी थी,मेरे दिल की आग से राख में क्यों ढूंढ रहे हो,निशां इस बात के, अनजान से बने रहना बुरी आदत है…

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सड़क बेचारी

डॉ.दिलीप गुप्ता घरघोड़ा(छत्तीसगढ़) ******************************************************** सड़क बेचारी गूंगी दुखियारी देखती है चुपचुप, आदमी का दु:ख.. आदमी की भूख..., प्रशासन को चुप्प... और महसूसती है हवा का रुखl गिरगिट की तरह घड़ी-घड़ी…

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‘सुषमा’ की आभा

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हँसते-मुस्कुराते हुए ही स्वत: बंधन मुक्त किया स्वयं को, लगता मानो कहीं थी प्रतीक्षा अलौकिक में विलीन होने को। नहीं अनभिज्ञ अपने क्षणों…

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कौड़ियों में भुनाए बैठे

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** यूँ ही तो नही नजरें झुकाए हुए बैठे हैं, यूँ ही तो नहीं शरमाये डरे हुए बैठे हैं। गुजरी आप पे या गुजार दी किसी…

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आँधियों के वार से

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** सागर को कभी झलकता देखा नहीं है डूबी है किश्तियाँ उसमें खुद के भार से, इश्क़ में अपने जज्बातों को रोके रखना... जीता नहीं है…

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कलम आज उनकी जय बोल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. प्राण हाथों मे लेकर थे वो रहते, निडर दुश्मन से भिड़ जो जाते रक्षा थल वायु जल में…

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सीमा के निगाहबानों को…सौ सौ सलाम है…

डॉ.दिलीप गुप्ता घरघोड़ा(छत्तीसगढ़) ******************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. सीमा के निगाहबानों को...सौ-सौ सलाम है, चौकस अड़े जवानों को...सौ-सौ सलाम हैll अमन के रखवालों-आज़ादी-पहरेदारों को, देश पे..कुरबानों को...सौ-सौ सलाम हैll…

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सितमगर भी वहीं रहता है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** क्यूँ मेरे दिल में एक दर्द-सा रहता है, लगे ऐसे कुछ तो चुभा-सा रहता हैl नश्तर वालों से सुधरे ताल्लुकात मेरे, ये तो किसी अपने…

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बरसती फुहारें

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* सखी रे रिमझिम बरसती फुहारें, कान्हा आए,चल भीगें हम सारेl भली लगती बरसती फुहारें, तनमन में उल्लास जगाती, धरती की तृष्णा बुझाती, पत्ते-पत्ते…

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उसी से पूछना होगा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** आसमां देखना चाहे खुद अपनी ऊंचाईयां अक्स समुद्र की गहराईयों में देखना होगा, आफताब में एहसास नहीं दिल की आग का... दहकते अंगारों को हाथों…

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