नया जमाना

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** सोचता हूँ,कैसे परिभाषित करूँ नया जमाना,जो गुजर गया,वह भी था कभी नया जमाना। इस परिवर्तनशील समय और दुनिया में ही तो,आने वाला हर नया कल है एक नया जमाना।आवश्यकता के नये-नये हल भी खूब मिलेंगे,पुराने जमाने की सीख से भी बने नया जमाना। चिकित्सा सुविधाएं ज्यादा उन्नत,सुलभ होंगी,पर योग,संयम,आहार-विहार मत भूल … Read more

रक्षाबंधन रीत अनुपम

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. भाई-बहन का स्नेह अपार,आया रक्षाबंधन त्योहार। रीत अनुपम लाये उल्लास,प्रेम विश्वास हृदय आस। हो उत्साह अनुपम साथ,रोली अक्षत सजेगा भाल। सजाती थाल दीप जलाकर,दही मीठा ले बहना तके राह। द्रौपदी ने बाँधा चीर कलाई,कृष्णा ने रक्षा रीत निभाई। अनमोल है ये कच्चा सूत,भूलें ना हम सब है … Read more

रक्षाबंधन का पावन पर्व

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. हमारी संस्कृति में त्यौहारों की परम्परा यहाँ हैउसी में रक्षाबंधन का पावन पर्व भी तो यहाँ है,भाई-बहिन के पवित्र प्रेम और रिश्तों की बानगीऐसा दोनों के बीच और कोई,उत्सव कहाँ है। बहिनें बांधती हैं प्यार के धागे भाई की कलाई पेभाई देता बहिन को,फिर हिफाज़त की जुंबा है,दोनों … Read more

यूँ लगे कोई आया

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** तुम आओ न आओ,यूँ लगे कोई आयातुम कब हो अलग मुझसे,बने तुम्हीं साया,सपने देखे खुली आँखों से,की थी कुछ बातेंजब बातें की खुद से,तेरा जिक्र ही आया। कहते हैं गीतों की दुनिया में,बसे प्यार वालेसुर तेरे,ग़ज़ल भी तू,वही फिर मैं गाया,इश्क वो चीज है रूसवा कर दे अपने-आपसेरह जाती एक यही,इश्क … Read more

हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं में वेबिनार की क्या दरकार ? अपना शब्द क्यों न अपनाएँ

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************************************** कोरोना के संक्रमण काल में अचानक अनेक इलैक्ट्रॉनिक माध्यमों द्वारा संगोष्ठियों का आयोजन किया जाने लगा है और अंग्रेजी की तर्ज पर इन संगोष्ठियों को हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी वेबिनार कहा जाने लगा है। अगर अभी नहीं जागे,तो वेबिनार हमारे संगोष्ठी शब्द को भी ले बैठेगा। इसलिए … Read more

सावन तू कैसा आया

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* ओ रे सावन तू कैसा आया,देख तुझे क्या मन भरमायाहृदय-हृदय में जगा उत्साह,झूले कजरी का दिन है आया। ओ रे सावन तू कैसा आया,नहीं सज रही गोरी बालानैन बिछाए राह है देखे,प्रिय आए या मन भरमाया। ओ रे सावन तू कैसा आया,मोर-मोरनी,दादूर है बोलेहरियाली हर दिशा हँसती,किसलय पर मोती की … Read more

रच दे एक नयी महाभारत

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** अब सहनशीलता से परे है,चीन पाक की ये शरारतयूँ चुप बैठे रहना भी नहीं है,ये तो हमारी विरासत,कृष्ण की गीता सुनने का,अब वो समय खत्म हुआउठ अर्जुन तू धनुष उठा,रच दे एक नयी महाभारत। शांति-भाइचारे को दुश्मन समझ बैठे जब कायरताबुझा राख में छुपी चिंगारी की,आग लगाने की आदत,जो बीत गया … Read more

चीन की धृष्टता

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** चीन की इस धृष्टता का,अब देना ही होगा जवाबएक जवान की शहादत का,दस से लेलो हिसाब,उबल रहा लावा,अब तो हर भारतीय के सीने मेंचीन झूठा,चीनी झूठे,झूठ इन दुश्मनों की जात। दुखी हम सभी हैं,आँखों में लहू उतर आया हैकस लो मुट्ठियाँ और कर लो इससे दो-दो हाथ,शहीद और लहू-लुहान हुए हैं … Read more

ना हो नफरत आपस में

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** चर्चे बहुत हुए राहों पर चले,नंगे पाँवों के निशान केपर जुदा नहीं दिखे थे,किसी हिंदू या मुसलमान के,मेहनतकश इन्सान थे,किसी धर्म में नहीं बंटे थे वो-जिए साथ तो मरेंगें भी साथ,चले थे दिल में ठान के। कुदरत हो या सृष्टि हो,उसके सारे बच्चे होते समानहिंदू सोया मस्जिद में,मुसलमां मंदिर में चादर … Read more

मातृभूमि का सपूत

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** देशभक्ति का अथाह सागर भर रखा था अपने सीने में मातृभूमि ही केवल लक्ष्य था उनका ये जीवन जीने में, वीर,कौशल,अभिमानी,प्रताप को शत-शत नमन- कुछ अलग खास-सी बात है,इस मेवाड़ के नगीने में। एकलिंग ने दिया आशीर्वाद हल्दी घाटी मुस्कुराई थी देखा जब इस सपूत का गौरव,इनके लहू के बहने में, … Read more