कुल पृष्ठ दर्शन : 535

चीन की धृष्टता

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ 
उदयपुर(राजस्थान)

********************************************************************

चीन की इस धृष्टता का,अब देना ही होगा जवाब
एक जवान की शहादत का,दस से लेलो हिसाब,
उबल रहा लावा,अब तो हर भारतीय के सीने में
चीन झूठा,चीनी झूठे,झूठ इन दुश्मनों की जात।

दुखी हम सभी हैं,आँखों में लहू उतर आया है
कस लो मुट्ठियाँ और कर लो इससे दो-दो हाथ,
शहीद और लहू-लुहान हुए हैं जो सैनिक हमारे
हर पल खड़ा है पूरा भारत,इन वीरों के साथ।

सियासी बातों का नहीं है,ये समय हमारे लिए
मिलाए रखें कंधे,छोड़ना नहीं है किसी का साथ,
बस मिलकर लड़ना है हमें,अपनी सीमाओं पे
हर भारतीय,दुश्मन से बदला लेने को बेताब।

मजबूरी समझ बैठै हैं,शांति कायम कोशिश को
अब भी शांत रहेंगे तो,कब देंगे चीन को जवाब,
अब भारत भी है विश्व का एक शक्तिशाली देश
नहीं करनें देंगे किसी को भी ये भविष्य खराब।

अब सबसे ऊंची विजय पताका फहरानी हमको
सुनहरा उजाला करना है,मिटानी है तिमिर रात।
चूहे-बिल्ली,लुका-छिपी का खेल करो समाप्त

साम-दाम-दंड-भेद से,दुशमन को दे दो मात॥

परिचय-संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ और जन्म स्थान-उदयपुर(राजस्थान)है। वर्तमान में उदयपुर में ही स्थाई निवास है। अभियांत्रिकी में स्नातक श्री गुप्ता का कार्यक्षेत्र ताँबा संस्थान रहा (सेवानिवृत्त)है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप समाज के कार्यों में हिस्सा लेने के साथ ही गैर शासकीय संगठन से भी जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता,मुक्तक एवं कहानी है। देवेश की रचनाओं का प्रकाशन संस्थान की पत्रिका में हुआ है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जिंदगी के ५५ सालों के अनुभवों को लेखन के माध्यम से हिंदी भाषा में बौद्धिक लोगों हेतु प्रस्तुत करना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-तुलसीदास,कालिदास,प्रेमचंद और गुलजार हैं। समसामयिक विषयों पर कविता से विश्लेषण में आपकी  विशेषज्ञता है। ऐसे ही भाषा ज्ञानहिंदी तथा आंगल का है। इनकी रुचि-पठन एवं लेखन में है।

Leave a Reply