अनुगूँज

डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** एक बीते हुऐ अतीत का समापन, कहीं गुदगुदाता है मन तो कहीं टीसता-सा लगता है, वो उमंग वो चाहत… न जाने क्यों उधर से ही फिसल गयी। और हम आज भी अपने अरमानों का हार लिए, वैसे ही खड़े हैं उनकी प्रतीक्षा में। हमने बहुत चाहा कि, सब हरियाली ही … Read more

किनारा नदी का

डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** आदमी का मन‐ कटा-फटा किनारा है,नदी का, तभी खा जाता है जख्म‐ हर किसी के दंभी काँटों से‐ इसकी गहराई में कहां हैं सीपी,घोंघे भावनाओं के‐ इसमें तो कीचड़ भरा है स्वार्थ का। इसकी लहरों में उठती उमंगें कहां! कटुता भर है कुछ पाने की‐ फिर भी भूल जाता है … Read more

मेघराज चल गगन में

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** काले-काले मेघ कहाँ तुम चले, बिन बरसे मेरे गाँव,किधर चले नभ में किया तुमने घना अँधेरा, उमड़-घुमड़ कर तुम तो चले…l शोर मचाया गरज-बरस कर ऐसे, बारात आई हो दूल्हे की जैसे। ढोल,नगाड़े-सा शोर खूब मचाया, नभ में छा गया उत्सव यह ऐसे। नभ में दामिनी अगन बरसाए, … Read more

तेरी जीवन संगिनी

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** मैं संगिनी तेरे जीवन की, तेरी परछाई बन चलूँगी। तू रखे जिस हाल में भी प्रिय, तेरे संग हँस-हँस जी लूँगी। संस्कारों का दहेज लाई हूँ, जीवनभर सम्भाल रखूँगी। दो कुलों की आन हूँ मैं प्रिय, मान सदा बढ़ाए रखूँगी। पिता की दहलीज त्याग कर, तेरी दहलीज पर … Read more

धरती बचाओ

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… सिसक रही है धरती माँ, अश्रुधारा बहा रही है। भीगा-भीगा आँचल उसका, दर्द अपना छिपा रही है। उसके सीने में घाव गहरे, चुपचाप सहला रही है। अपनों ने दिए जख्म ऐसे, मरहम उन पर लगा रही है। सुबक रही है वो बेचारी, लोग … Read more

संस्कृति का नव-वर्ष

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** हिन्दुत्व का नव-वर्ष है, संस्कृति का उत्कर्ष है। नव पराग हुए अंकुरित, पुष्प हो गए सुगंधित चंहुओर उमंग,हर्ष हैl हिन्दुत्व का नव-वर्ष है, संस्कृति का उत्कर्ष है। श्रीराम,हनुमान का प्राकृट्य है, महापुरुषों का अवतरण है नव प्रभात का श्रीगणेश हैl हिन्दुत्व का नव-वर्ष है, संस्कृति का उत्कर्ष है। … Read more

शीतला माँँ

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** तन शीतल हो, मन भी शीतल हो। शीतलता हो चहुँओर, माता तुम शीतल हो। स्वच्छता का देती संदेश, यही तुमने धरा है भेष। गंदगी तन-मन की हटे, दूर हो सारे रोग-द्वेष। घर-घर में तुम पूजित हो, दूध-दही,जल अर्पित हो। पूजे सारी सुहागिन भोर में, आशीष-वर तुम देती हो। … Read more

परीक्षा

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** यह जीवन भी एक परीक्षा है, हर रोज होती यहाँ परीक्षा है। इस दुनिया को रोशन करने में, सूरज की होती नित्य परीक्षा है। पेट भरने के लिए तपना पड़ता है, भूखे मजदूर को देनी परीक्षा है। समन्दर में लहरों से लड़ना पड़ता है, साहिल पर आने की … Read more

महिला सशक्तिकरण

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी को मत बाँधो जंजीरों से, रीत-रिवाज की प्राचीन बंदिशों से। खोलो अब तो सारे बँधन पुराने, लेने दो श्वाँस अब उसे खुली हवाओ में। अपनी आजादी का दायरा जानती है, मर्यादा का आवरण वह पहचानती है। संस्कृति व संस्कारों की ओढ़,ओढ़नी, वह … Read more

घर से सड़क तक दौड़ता मन

डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… घर से सड़क तक दौड़ता मन बेचैन मन उद्वेलित,आशंकित सशंकित भटक रहा इधर-उधर, कभी खिड़की कभी दरवाजे,और कभी सड़क तक दौड़ता मन…। अब तक न आया जीवनसाथी, अब तक न आयी जीवन जननी और अब तक न आयी इकलौती बहन घर से सड़क तक दौड़ता … Read more