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शीतला माँँ

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’
उदयपुर (राजस्थान )
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तन शीतल हो,
मन भी शीतल हो।
शीतलता हो चहुँओर,
माता तुम शीतल हो।

स्वच्छता का देती संदेश,
यही तुमने धरा है भेष।
गंदगी तन-मन की हटे,
दूर हो सारे रोग-द्वेष।

घर-घर में तुम पूजित हो,
दूध-दही,जल अर्पित हो।
पूजे सारी सुहागिन भोर में,
आशीष-वर तुम देती हो।

शक्ति स्वरूपा माँ भवानी,
कहते तेरी यही कहानी।
शीतल जल सभी चढ़ाएँ,
प्रसन्न हो जाती शीतल-रानी।

‘हेमा’ की तुम मातेश्वरी,
पूजा करूं मैं नित्य तेरी।
ठंडा-बासी करूं मैं अर्पण,
कल्याण करे माँ सुरेश्वरी॥

परिचय – हेमलता पालीवाल का साहित्यिक उपनाम – हेमा है। जन्म तिथि -२६ अप्रैल १९६९ तथा जन्म स्थान – उदयपुर है। आप वर्तमान में सेक्टर-१४, उदयपुर (राजस्थान ) में रहती हैं। आपने एम.ए.और बी.एड.की शिक्षा हासिल की है। कार्यक्षेत्र-अध्यापन का है। लेखन विधा-कविता तथा व्यंग्य है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-  साहित्यिक व सामाजिक सेवा है। 

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