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मेघराज चल गगन में

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’
उदयपुर (राजस्थान )
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काले-काले मेघ कहाँ तुम चले,
बिन बरसे मेरे गाँव,किधर चले
नभ में किया तुमने घना अँधेरा,
उमड़-घुमड़ कर तुम तो चले…l

शोर मचाया गरज-बरस कर ऐसे,
बारात आई हो दूल्हे की जैसे।
ढोल,नगाड़े-सा शोर खूब मचाया,
नभ में छा गया उत्सव यह ऐसे।

नभ में दामिनी अगन बरसाए,
दमक-दमक कर चमक दिखाएl
फुलझड़ियाँ-सी वो गिरे नभ से,
देख-देख मन बहुत ही घबराए।

चंचल पवन क्यूँ बहे इत-उत ओर,
धूल उड़ाए और मचाए क्यूँ शोरl
बरखा रानी की सज रही डोली,
देख मेघराज बरस रहा हर ओरll

परिचय – हेमलता पालीवाल का साहित्यिक उपनाम – हेमा है। जन्म तिथि -२६ अप्रैल १९६९ तथा जन्म स्थान – उदयपुर है। आप वर्तमान में सेक्टर-१४, उदयपुर (राजस्थान ) में रहती हैं। आपने एम.ए.और बी.एड.की शिक्षा हासिल की है। कार्यक्षेत्र-अध्यापन का है। लेखन विधा-कविता तथा व्यंग्य है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-  साहित्यिक व सामाजिक सेवा है। 

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