जिसमें समाया सारा जहाँ
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** एक अक्षर का शब्द है माँ,जिसमें समाया सारा जहाँजन्मदायिनी बनके सबको,अस्तित्व में लाती वोतभी तो वो माँ कहलाती,और वंश को आगे बढ़ातीतभी वह अपने राजधर्म को,माँ बनकर है निभाती। माँ की लीला है न्यारी,जिसे न समझे दुनिया सारीनौ माह तक कोख में रखती,हर पीड़ा को वो है सहतीसुनने को व्याकुल वो रहती,अपने … Read more