जिसमें समाया सारा जहाँ

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** एक अक्षर का शब्द है माँ,जिसमें समाया सारा जहाँजन्मदायिनी बनके सबको,अस्तित्व में लाती वोतभी तो वो माँ कहलाती,और वंश को आगे बढ़ातीतभी वह अपने राजधर्म को,माँ बनकर है निभाती। माँ की लीला है न्यारी,जिसे न समझे दुनिया सारीनौ माह तक कोख में रखती,हर पीड़ा को वो है सहतीसुनने को व्याकुल वो रहती,अपने … Read more

रिश्ते बनाए रखें

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** रिश्तों का बंधन,कहीं छूट न जाएऔर डोर रिश्तों की,कहीं टूट न जाए।रिश्ते होते हैं बहुत,जीवन में अनमोलइसलिए रिश्तों को,हृदय में सजा के रखें। बदल जाए परस्थितियाँ,भले ही जिंदगी मेंथाम के रखना डोर,अपने रिश्तों कीपैसा तो आता-जाता है,सबके जीवन मेंपर काम आते हैं,विपत्तियों में रिश्ते ही। जीवन की डोर,बहुत नाजुक होती हैजो किसी … Read more

‘कें चु आ’ वास्तव में बिना रीढ़-दांत का शेर !

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)****************************************** मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा केन्द्रीय चुनाव आयोग यानी ‘के.चु.आ.’ को फटकार के साथ कहा गया कि,चुनाव के कारण होने वाली मौतों के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। इस कारण उनके ऊपर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।अब सवाल क़ि,जो आयोग दूसरों पर आश्रित है,यानी परजीवी है,उसके ऊपर कार्यवाही करने से क्या होगा। बिना कारण … Read more

इंसानियत को जिंदा रखो

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** इंसान की औलाद हो,इंसान तुम बनोइंसानियत को दिल में,अपने जिंदा तुम रखोमतलब फरोश है ये दुनिया,जरा इससे बच के रहोलड़वा देते हैं आपस में,भाई-बहिन को।ऐसे साँपों से तुम,अपने-आपको बचाओ। कितना कमीना होता है,लोगों ये इंसानसब-कुछ समझकर भी,अनजान बन जाता है येऔरों के घर जलाओगे तो,एक दिन खुद भी जलोगेफिर अपनी करनी पर,तुम … Read more

मैं मजदूर…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)****************************************** मैं मजदूर-रोटी की तलाश में,घर से दूर। सुबह शाम-बहाता स्वेदकण,नहीं विश्राम। दिल है बड़ा-अंधेरी झोपड़ी से,महल खड़ा। कैसी लाचारी-फुटपाथी जीवन,व्यथा है भारी। सब हैं मौन-सिर्फ़ चुनावी वादे,पूछता कौन। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ मई १९६९ और जन्म स्थान-ऋषभदेव है। वर्तमान पता उदयपुर स्थित … Read more

मैं मजदूर…बहुत मजबूर

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** मैं हर नींव का मजदूर,बहुत मजबूर,पेट की खातिर,हर खुशी से-घर से दूर। बहता हर सुबह-शाम मेरा पसीना,मुश्किल हुआ रोटी की खातिर जीना। मजबूर,पर नहीं हारता हिम्मत कभी,नींव से ताजमहल तक सृजन मेरे सभी। संतोषी हूँ दिल से,लालच करता नहीं,करुँ महल खड़े,पर पेट भरता नहीं। मैं गरीब,सदा बेबस-कैसी लाचारी,फुटपाथ ही जिंदगी,किसको फिक्र हमारी। … Read more

राह बताती,पाठ पढ़ाती

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)****************************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… एक किताब-मानो मिल गया हो,मुझे ख़िताब। मन बैचेन-पुस्तक पढ़ने से,मिलता चैन। सच बोलती-पुस्तक छुपे हुए,राज खोलती। कैसा भविष्य-पुस्तकों में पढ़ लो,सारा रहस्य। नहीं रूबाब-मेरी जिंदगी यारों,खुली क़िताब। राह बताती-पुस्तकें जीवन का,पाठ पढ़ाती। खूब सुहाती-अंधेरी जिंदगी में,रौशनी लाती। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। … Read more

करनी का फल

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** जिंदगी का अबकोई भरोसा नहीं हैअभी तो जिंदा हैं पर,अगले पल का पता नहींआज मैंने मौत को,नजदीक से निकलते देखाऔर अपने परिजन को,बात करते-करते जाते देखा। मानव जन्म मिलने का,जो विचार मन में आयाउन्हें लफ़्जों में हम,बयां कर सकते नहींबस यही सोचा कि,न कोई से बैर रखे औरन किसी से अपनापन,क्योंकि दोनों … Read more

बलवान-बुद्धिमान और रुद्रावतारी बजरंग बली

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************* हनुमान जयंती विशेष…. हनुमान (संस्कृत: हनुमान्,आंजनेय और मारुति भी) परमेश्वर की भक्ति (हिंदू धर्म में भगवान की भक्ति) की सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में प्रधान हैं। वह कुछ विचारों के अनुसार भगवान शिवजी के ११वें रुद्रावतार,सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। रामायण के अनुसार वे … Read more

माया का चक्कर

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** दिल से दिल मिलाकर देखो,जिंदगी की हकीकत को पहचानोअपना-अपना करना भूल जाओगे,और आखिर में एक ही पेड़ कीछाया के नीचे आओगेऔर अपने-आपको तब तुम,अच्छे से पहचान पाओगे। छोड़कर नश्वर शरीर,एक दिन सबको जाना हैजो भी कमाया-धमाया,सब यहीं छोड़ जाना हैफिर भी भागता रहता है,माया के चक्कर में। न खाता है न पीता … Read more