तिरंगा लहर रहा

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** ध्वजा में मौला और महेश,सजे हैं गुरुओं के उपदेश।हमारा प्यारा भारत देश,तिरंगा लहर रहा है॥ हिमालय है जिसका सरताज,सिंधु तक फैला जिसका राज।पुराना है सबसे इतिहास,आदि से अब तक हुआ विकास।ॐ का व्योम तलक संदेश,तिरंगा लहर रहा है…॥ बड़ा है जाति धर्म विन्यास,कई भाषाएं करें निवास।सैंकड़ों नदियों से श्रृंगार,सभी ऋतुओं का … Read more

भूख सदा दुश्मन निर्भय की

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** भूख सदा दुश्मन निर्भय की,आग जगाये यही हृदय की। इसकी पड़ी जहां पर छाया,उसका रोम-रोम झुलसाया।कल तक अपनी जो प्यारी थी,फूलों की दिखती क्यारी थी।चिता बनी है आज समय की॥भूख सदा दुश्मन निर्भय की… भूख नदी तट से टकराई,लहरों ने भी माटी खाई।इसके कारण हुई लड़ाई,नाप सके क्या हम गहराई।कारक बनती … Read more

जब से बदरा जल बरसाये

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** चैतन्य तरुण हो गयी धरा,जब से मेघा जल बरसाये।कोयल ने राग विरह छोड़ा,मल्हार राग फिर दुहराये॥ धरती मल मैल क्षरण करके,देखो नव यौवन पाया है,नदियों ने पानी ढो-ढो कर,सागर का मन दहलाया है।हरियाली है सब हरा-भरा,ऊपर से मेघ दूत छाये,अवनी की कोख हरी करने,मेघा आये मेघा आये॥ बंजर का मंजर टूट … Read more

भारत माता और कवि

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* लिख रहा आज मैं कविता,सपने की एक कहानी,भारत माता रो-रो कर,आँखों भर लाई पानी। भारत माता ने पूछा,खोया सुख वैभव सारा,गलियों में क्यों चिंगारी,सड़कों पर क्यों अंगारा। धीरज रख मैया मेरी,वह समय शीघ्र आएगा,सारी दुनिया का फिर से,भारत गुरु कहलाएगा। विश्वास करो माँ कवि का,वैभव अवश्य आएगा,मतलब कुनबे का जग को,भारत … Read more

बचाई तितलियाँ हमने

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सदा नफरत की लहरों पर उतारी कश्तियाँ हमने।ठिकाना जल गया बेशक बचाई बस्तियाँ हमने। जहाँ बेहाल जीना हो गया था सख्त कलियों का,जले थे हाथ बेशक पर बचाई तितलियाँ हमने। हवा बेदर्द होकर कर के अगर दीपक बुझाती थी,रखी थी बादलों से कुछ चुराकर बिजलियाँ हमने। जमी थी धूल रिश्तों पर … Read more

अभी जागे नहीं तो…

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* पर्यावरण दिवस विशेष…. धरा पर पेड़ पौधों का सजा जो आवरण है।मिला नदियों से हमको स्वर्ग का वातावरण है। न डालो मैल नदियों में न काटो पेड़ मानो,विषैले रोग को सीधा बुलावा यह वरण है। अभी जागे नहीं तो नस्ल का नुकसान होगा,सभी बीमारियों का मूल ही पर्यावरण है। सभी ये … Read more

…पर कल तो हमारा है

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* नहीं है आज सिर पे ताज,पर कल तो हमारा है।चलें देखें समंदर का कहां दूजा किनारा है। सजी मंदिर की मूरत बोल सकती है अगर चाहो,लगे उसको किसी ने आज अंदर से पुकारा है। नुकीली धार पानी की जमा पर्वत हिला देती,सभी नदियों ने अपना रास्ता खुद ही निखारा है। जरा-सी … Read more

रखवाले,अब से नहीं जमाने से हैं

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* बागों के माली रखवाले,अब से नहीं जमाने से हैं।कलियों पर काँटों के ताले,अब से नहीं जमाने से हैं। मिली कहाँ पूरी आजादी,खंडित हिंदुस्तान मिला है,सरहद पर शोणित के नाले,अब से नहीं जमाने से हैं। वातावरण आज भारत का,घुटन भरा बतलाते हैं जो,विषधर असली वो ही काले,अब से नहीं जमाने से हैं। … Read more

मंज़र नहीं देखा गया

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* आ गया वो रूह में मंज़र नहीं देखा गया।पूजते पत्थर रहे अंदर नहीं देखा गया। आत्म मंथन के सफ़र में देह से ऊपर उठा,पार गरदन के गया तो सर नहीं देखा गया। देह में वो साथ था पर हम ही लापरवाह थे,जाम पीते रह गए,रहबर नहीं देखा गया। छोड़ कर भागा … Read more

किरदार बौना हो गया

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* आदमी का आजकल किरदार बौना हो गया है।जिंदगी का फलसफा अब तो ‘करोना’ हो गया है। ढो रहा है आदमी कांधे सगों की लाश यारों,मरघटों तक लाश लाना बोझ ढोना हो गया है। जो कभी सरदार थे सालिम हमारे गाँव भर के,रोग के कारण ठिकाना एक कोना हो गया है। पक्ष … Read more