बेटी
अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************************* बिदा हो के जब तू गई बेटी,आँखें लगे जैसे समंदर है कोईआँसू बहते जाते हैं धार रुकती नहीं,वर्षों से तू मेरे आँगन में खेलीअब लग रहा तेरी माँ हो गई अकेली,तेरे मिलन की ही मन को आस रहती है…जैसे सालों से स्नेह की ‘प्यास’ बाकी है।भाई-बहन अब तेरे लड़ना भूल गए,बस तेरी … Read more