प्रेम-धन
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** दुनिया ऐसी है समां,लुटा मुहब्बत शान। दो पल की ये जिंदगी,लुट जाएगा मान॥ प्यार बड़ा अनमोल है,बढ़ता जितना खर्च। दान मान सुख दे अमन,मंदिर मस्ज़िद चर्च॥ दीन हीन या धनी हो,हो पादप खग जन्तु। दुनिया सिंचित प्रेम जल,प्रमुदित बिना परन्तु॥ निर्भय निच्छल है सहज,प्रेम भाष उद्गार। मानव दानव … Read more