आराधना
रूपेश कुमार सिवान(बिहार) ******************************************************** माँ की छाँव में, ममता के ममत्व से दिल को छू लेने वाली तू, करो आराधना माता की। जहाँ मिले आत्मा को, शान्ति स्वभाव में शरण…
रूपेश कुमार सिवान(बिहार) ******************************************************** माँ की छाँव में, ममता के ममत्व से दिल को छू लेने वाली तू, करो आराधना माता की। जहाँ मिले आत्मा को, शान्ति स्वभाव में शरण…
अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** चीन की वुहान-भूमि से उपजा 'नॉवेल कोरोना' विषाणु आज दुनिया के लिए मृत्यु का पर्याय बन गया है। वुहान शहर मृतप्राय पड़ा है। स्पेन,इटली और…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** प्रकृति कुपित हमसे हुई,भला करे भगवान। झेल रहा जग दंश को,अब तो बन इन्सान॥ भौतिकता परवान पर,बनी प्रकृति सुनसान। देख फलाफल स्वार्थ का,…
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** इक्कीस दिन का दान करें ईश्वर का गुणगान करें, ऐसी कठिन घड़ी में- धैर्य संयम से काम करें। हो सकता है,कष्ट और पीड़ा फिर भी हम…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** 'कोरोना' से डरो ना,कोई करो उपाय। रहो गेह दूरी अपर,घर में रहो सफाय॥ 'जनता कर्फ्यू' वतन से,सुन पी एम आह्वान। एक बना जन…
दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** खुशियों की बिसातें होंगी, रौनकें हर अहाते होंगी। अंत 'कोरोना' का भी निश्चित, गुजरे जमाने की बातें होंगी। आज के दम पर…
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** मानव द्वारा मर्यादा की जब,सीमा लाँघी जाती है, करने मर्यादित पुनः उसे प्रकृति दायित्व निभाती है। भय बिनु प्रीत नहीं,वो जाने दण्ड बिना कब…
सुबोध कुमार शर्मा शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* करुणा से तुम निश्चित ही 'कोरोना' को जीतोगे, स्वहित ओ परहित चिंतन तुम उर में जब लहोगे। एकांतवास ओ स्वच्छता घर भर में तुम लाओ,…
डॉ.विजय कुमार ‘पुरी’ कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) *********************************************************** आज़ादी के परवानों को,याद हमेशा करना। स्वर्ग में बैठे उन वीरों को ठेस लगेगी वरना॥ लड़ी लड़ाई आज़ादी की,फूले नहीं समाए हैं। ज़र्ज़र…
अवधेश कुमार मिश्र ‘रजत’ वाराणसी(उत्तरप्रदेश) **************************************************************************** सात वर्ष और चार माह से जिसकी उसे प्रतीक्षा थी, न्याय व्यवस्था की खातिर भी ये तो अग्नि परीक्षा थी। दुष्ट भेड़ियों की फाँसी…