प्रेम-धन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** दुनिया ऐसी है समां,लुटा मुहब्बत शान। दो पल की ये जिंदगी,लुट जाएगा मान॥ प्यार बड़ा अनमोल है,बढ़ता जितना खर्च। दान मान सुख दे…

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रोशन किरदार

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. मैं,आज,पुरानी तस्वीरें जब देख रहा हूँ, तेरा रोशन क़िरदार,मैं,इनमें देख रहा हूँ। दीदार हुआ जब,भूल गये लब,जो था कहना,…

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मान मेरा कहा,घर से बाहर न जा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** हादसों का शहर है,न जाओ सजन, अब तो घर में समय को बिताओ सजन। वायरस मौत बनकर रही घूमती, हाथ उससे नहीं तुम मिलाओ सजन।…

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दिल में प्यार होना चाहिए

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* (रचनाशिल्प-२१२२ २१२२ २१२२ २१२) हाल-ए-दिल पहचानें,दिलदार होना चाहिए। भावना निस्वार्थ, दिल में प्यार होना चाहिए। बिक रहा ईमान सबका आज घर बाजार में, इश्क…

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साथ छूटे ना

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. मजबूरियाँ- सामाजिक सम्बंध, और दूरियाँ। साथ छूटे ना- अटूट हो बन्धन, कोई रूठे ना। हो अनुबंध- कभी नहीं…

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प्रकृति का न्याय

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** बही सलिल शुद्ध,चली पवन शुद्ध, ये गगन भी,अब,मुस्काया है हो वात आवरण स्वस्थ,स्वयम् प्रकृति ने कदम उठाया है। प्रकृति सदा ही रही मित्र, मानव…

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दिल सोचता बहुत है

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* आजकल न जाने क्यूँ दिल सोचता बहुत है, सच से वाकिफ है,यहाँ-वहाँ खोजता बहुत है। थक जाएगा रस्ते पर ही आहिस्ता क़दम बढ़ा, खरगोश…

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अमृतवाणी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** जीवन नित अक्षर प्रथम,चतुर्वेद आलोक। शब्द अर्थ अभिव्यंजना,मिले कीर्ति हर शोक॥ नभ प्रभात अरुणिम किरण,नव जीवन संचार। दैनन्दिन जीवन पथी,चले कर्म आचार॥ उलझन…

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वो

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मुझे मालूम है कंधे से उठ,सर पर चढ़ेगा वो, मगर खुश हूँ कि है मेरा लहू,मुझसे बढ़ेगा वो। तुम्हें तख़लीफ़ क्यों होती,बताओ देखकर झुकते, पढ़ाया…

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गृहवास करो अविराम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** जनमानस मझधार में,कोराना संताप। नभप्रभात आरोग्य जग,मिटे रोग हर पाप॥ इस आपद के समय में,गृहवास करो अविराम। निर्मल कर श्री राम मन,रख दूरी…

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