नमामि अम्बिके

पवन कुमार ‘पवन’  सीतापुर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************** सबने है घूरा माई,ज्ञान है अधूरा माई। कर दो न पूरा माई,सुनो जगदम्बिके! भक्त-भयहारिणी माँ,कष्ट की निवारणी माँ, भवसिंधु तारिणी माँ,ओ री मेरी अम्बिके! दुष्ट की विनाशिनी हो,अवगुण नाशिनी हो, कण-कण वासिनी हो,तुम्हीं प्रलयम्बिके! देख के तुम्हारी माया,मन मेरा भरमाया। शरण तिहारी आया,शरण्ये त्रयम्बिके! परिचय-पवन कुमार यादव का साहित्यिक … Read more

सीने में अंगारे

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** अंगारे धधक रहे हैं सीने में, इन्हें शान्त न कर… कूद पड़े इस जंग में, हमें रोका न कर। लालच नहीं है सत्ता की, न्याय के साथ ये कहता हूँ… गीदड़ भालूओं की तरह, ना मैं वादा करता हूँ। उड़नखटोले में बैठकर, आसमान में उड़ते हो… झूठा सपना हमें दिखाकर, कुर्सी … Read more

इस शहर में

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* रैन में छाया घनघोर अंधेरा,प्रभात लेकर आया कुहासा, दर्द से तड़पते,करवटें बदलते,मन में लिए विकट निराशा छीन हो चुकी थी,दीन हो चुकी थी उसके जीवन की आशा, कहर को झेलते,सफर को देखते,थी चलने की प्रत्याशा। सड़क के किनारे,कराहते-चिल्लाते,तम की तमतमाहट में, सुधाकर,दिवाकर के द्वारा दी गई तपन की कड़वाहट … Read more

नेता घूमे गाँव-गाँव

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** देखो आया है चुनाव,नेता घूमे गाँव-गाँव, न देखे वो धूप-छाँव,वोट की ही चाह में। होंठों पर है मुस्कान,खींचे सबका वो ध्यान, ले के वादे की दुकान,चलता है राह में। जो न सपने में देखा,वो मुहल्ला का भी लेखा, रखता है देखो नेता,अपनी निगाह में। जीतकर जो भी जाता,नित खीर-पूड़ी … Read more

नहीं चाहिए शराफ़त ऐसी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** दूसरों की लूटती हुई आबरू को देख बीच बाज़ार के चौसर पर, उसको बचाते-बचाते नासमझ मैं ख़ुद की आबरू लुटा गया, पर कमबख्त दस्तूर तो देखो इस बेदर्द दुनिया का,जिसके लिए अपनी सुकूनभरी जिंदगी की खुशहाली, दफ़न की,बिना सोचे ज़मीर के लिए वही गलबहियाँ करने को बेताब, जा … Read more

हँसाती रही जिंदगी

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** किसी को हँसाती रही जिंदगीl किसी को रुलाती रही जिंदगीl भरा जख्म इक फिर मिला दूसरा, सतत यूँ सताती रही जिंदगीl नई किस्म की रोज देकर दवा, मुझे तो पिलाती रही जिंदगीl उसे तो कहो भाग्यशाली बड़ा, जिन्हें बस हँसाती रही जिंदगीl कटे दूब सा फिर उगे शीघ्र ही, … Read more

नन्हें बच्चे

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** नन्हें बच्चे आए घर, मिल-जुलकर मनायें उत्सव उम्र हमारी लग जाये, हो जाए अजर-अमर। पढ़ें-लिखें वे मन लगाकर, खेले क्रिकेट,कबड्डी और शतरंज माता-पिता की सेवा करें, रहें परिवार के संग। सच्चाई पे चलते रहें, कभी न रुके ये कदम बुराई से लड़ते रहें, जीत जाएंगे सारी जंग। मंजिल तो खुद आएगी, … Read more

तीन जोड़ी पायल…

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) *************************************** जबसे मैंने सुनना सीखा सुनकर गुनना सीखा, तब से मैं पहचानता हूँ पायल को और उसकी छनछन को। पहले जब मैं भूख से बिलखकर तड़प-तड़प कर रो-रो कर, आँगन को उठा लेता था सिर पर… तब कहीं से चला आता था, पायल का स्वर…। हाँ ये माँ के आने … Read more

आज ज़रूरत है कबीर की

पवन कुमार ‘पवन’  सीतापुर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************** चाटुकारिता जिसे न आये, कविता में केवल सच गाये। झूठे आडम्बर को तजकर, ढाई आखर प्रेम सिखाये॥ चाहत है उस कलमवीर की, आज ज़रूरत है कबीर की॥ जिसके संघर्षों की गाथा, हर युग को नव पाठ सिखाये। तन के शुद्धिकरण से ज्यादा, जो निज मन को पाक बनाये॥ सच्चाई … Read more

माखन चोर..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ माखन चोर- चुरा दिल राधा का… है चितचोर। सुहानी भोर- भक्त के हृदय बसे… मुकुट मोर। मुरलीधर- राधा बिन अधूरे… प्यासे अधर। सुनने पीर- कृष्णा दौड़े आते हैं… यमुना तीर। मेरे कन्हैया- मझधार में नाव… तू ही खैवेया। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म … Read more