‘कोरोना’ से ध्वस्त होती अर्थ-व्यवस्थाएं

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* विकसित एवं शक्तिसम्पन्न राष्ट्रों ने दुनिया में अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिए नए तरह के युद्धों को इजाद किया है,उनके भीतर नयी तरह की क्रूरता जागी है,उन्होंने दुनिया को विनाश देने के नए साधन विकसित किए हैं,जिससे अनेक बुराइयां एवं संकट बिन बुलाए दुनिया में व्याप्त हो गई। इसी विकृत … Read more

यस बैंक:ठोस कदम उठाने ही होंगे

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* निजी क्षेत्र के ‘यस बैंक’ का कंगाली की हालत में पहुंचना एवं इस सन्दर्भ में सरकार द्वारा उठाए गए कदम दोनों ही स्थितियां प्रश्नों के घेरे में हैं। यह कैसा विरोधाभास है कि एक तरफ तो सरकार अपने नियन्त्रण में चलने वाली लाभप्रद कम्पनियों की पूंजी बेच कर रोकड़ा की उगाही … Read more

नारी शक्ति है,फिर शोषण ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* `अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस`-८ मार्च विशेष………… बात भारतीय या अभारतीय नारी की नहीं,बल्कि उसके प्रति दृष्टिकोण की है। आवश्यकता इस दृष्टिकोण को बदलने की है, जरूरत सम्पूर्ण विश्व में नारी के प्रति उपेक्षा एवं प्रताड़ना को समाप्त करने की है,इसी उद्देश्य से नारी के प्रति सम्मान एवं प्रशंसा प्रकट करते हुए ८ … Read more

आखिर सुख निरंतर क्यों नहीं होता ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* जीवन में सुख और दुःख का चक्र चलता रहता है। दिन के बाद रात और रात के बाद दिन-यही क्रम सुख और दुःख का भी है। हमने खेतों में अरहट चलते हुए देखा है। नीचे से पानी भर कर आता है और ऊपर आकर खाली हो जाता है। यह क्रम चलता … Read more

दिल्ली को शस्त्र नहीं,सौहार्द की जरुरत

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से जो हालात बने हैं,वे न केवल त्रासद एवं शर्मनाक हैं,बल्कि भारत की संस्कृति एवं एकता को धुंधलाने वाले हैं। दिल्ली में जो हिंसा,आगजनी,विध्वंस के उन्मादी हालात देखने को मिले,उससे मन बहुत दुःखी हुआ,वैसे इन भीषण अत्याचारों, तोड़-फोड़ एवं हिंसा के हालातों से सभी बहुत दुखी … Read more

परमहंसी साधना एवं सिद्धि के अलौकिक संत रामकृष्ण परमहंस

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* रामकृष्ण परमहंस जयन्ती-१८ फरवरी विशेष………. भारत की रत्नगर्भा वसुंधरा माटी में कई संत और महान व्यक्ति हुए हैं जिन्हें उनके कर्म, ज्ञान और महानता के लिए आज भी याद किया जाता है। इसी संतपुरुषों,गुरुओं एवं महामनीषियों की श्रंखला में एक महामानव एवं सिद्धपुरुष हैं श्री रामकृष्ण परमहंस। वे महान संत, शक्ति … Read more

`प्रेम दिवस`:संबंधों में प्रेम की मिठास घोलिए

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* ”आंधी से भी भयानक होती है रक्त की वह हलचल,जिसे मनुष्य ने `प्रेम` की संज्ञा दी है।“ रांगेय राघव की यह प्रेम एवं प्रणय से जुड़ी अभिव्यक्ति आज के युवा प्रेमियों पर सही साबित होती हैl युवा दिलों पर उमड़ती इसी आंधी को अभिव्यक्त होने का अवसर मिलता है,`वैलेंटाइन-डे` यानी प्रेम … Read more

`प्रदूषण` गायब रहा चुनाव से

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* राजधानी दिल्ली में अक्सर वायु एवं जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या के रूप में खड़ा रहता है,लेकिन इस गंभीर समस्या का दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा न बनना विडम्बनापूर्ण है। असल में देखें तो संकट वायु प्रदूषण का हो या फिर स्वच्छ जल का,इनके मूल में विकास की अवधारणा के … Read more

दिल्ली चुनाव:हिंसक एवं अराजक बयानों की उग्रता

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* दिल्ली में विधानसभा के चुनाव जैसे-जैसे निकट आता जा रहा है,अपने राजनीति भाग्य की संभावनाओं की तलाश में आरोप-प्रत्यारोप,हिंसक बयानों-वचनों और छींटाकशी का वातावरण उग्र होता जा रहा है। आम आदमी पार्टी,भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस तीनों ही दलों के नेता अपने चुनाव प्रचार में जिस तरह की उग्र भाषा का … Read more

असंतुलित आर्थिक संरचना पर मंथन जरूरी

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट ‘टाइम टू केयर’ में समृद्धि के नाम पर पनप रहे नये नजरिए, विसंगतिपूर्ण आर्थिक संरचना एवं अमीरी गरीबी के बीच बढ़ते फासले की तथ्यपरक प्रभावी प्रस्तुति देते हुए इसे घातक बताया है। आज दुनिया की समृद्धि कुछ लोगों तक केन्द्रित हो … Read more