आँसू:एक चिंतन

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* गम़ और आँसूओं से सराबोर,यह दुनिया। खुशी का,इक पल दूर तलक,नज़र नहीं आता॥ दिल लगे,तो किस पर कोई मूरत,बसे तो सही। भटकने का,प्रवाह है तेज थमने की सूरत,बने तो सही॥ आँसू का,सैलाब दिया नहीं किसी,गैर ने। यह तो करम,किया है किसी अपने ही ने॥ किया चिंतन-मनन खूब, कुछ … Read more

जहाँ प्यार है, वहीं तो जीवन

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* कहते हैं ना कि मनुष्य जब जन्म लेता है,तो उसके शरीर में दिल भी होता है और दिल में प्रभु ने प्यार का विशालतम भंडार तोहफे में दिया है। समुद्र की तरह,जो कभी रिक्त नहीं होता। एक सर्वेक्षण के अनुसार,मनुष्य पूरे जीवन अपने प्यार का उपयोग,आधा भी नहीं … Read more

बढ़ती दूरियाँ

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. कोरोना वायरस ने तो आज, सामाजिक संबंधों में,पैदा कर दी दूरी। पहले मिलते थे,आपस में, अब ‘तालाबंदी’ की,है मजबूरी॥ पहले कर्फ्यू,फिर ‘तालाबंदी’, अब तो इसे,बढ़ाने की है तैयारी। ससुराल में है,नातिन की शादी, उफ ये संबंध और कोरोना की महामारी॥ ‘स्टे होम,सेव लाईफ’, … Read more

परिंदों का दर्द

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* दो चिड़िया एक-दूसरे को अपनी पीड़ा का बखान कर रहीं थीं। एक बोली, -“बहन इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है। एक बूँद पानी भी नहीं मिलता,जिससे हमारी प्यास,कुछ तो मिट सके। इंसान अपने नलों की टोंटी भी मजबूती से लगाते हैं। उससे भी पानी का रिसाव नहीं होता। … Read more

प्रेम का एहसास

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* जब सावन की घटाएँ, गगन में छा जाती हैं। जब तम में जुगनुओं, की रौशनी बिखर जाती है। तब प्रेम का होता एहसास… जब किसी की छवि आँखों से उतर दिल में बस जाती है। जब पराग का रस लेकर, भौंरा गुन-गुन गीत गाता है। तब प्रेम का … Read more

धन्यवाद ‘कोरोना’

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* इस ‘लाॅकडाउन’ में समझ आया, घर का महत्व होता क्या है। कभी भगवान का द्वार बंद भी होता, पर घर के दरवाजे हमेशा खुले रहते॥ जब दुनिया ने ठुकरा दिया, मित्रों ने नहीं अपनाया। तब घर-परिवार ने सहारा दिया, हर समय घरवालों ने देखभाल की॥ जिंदगी भर भागते … Read more

‘कोरोना’ कहे सबसे,मुझसे डरो ना..

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. इंसानों ने निज स्वार्थ हेतु, संरक्षण नहीं किया,अन्य जीवों का। ना सम्मान किया,न महत्व दिया, व्यवस्था भंग की,प्रकृति के नियमों का। ‘कोरोना’ कहे सबसे,मुझसे डरो ना… तेज बुखार,खाँसी,बलगम आए, तो अस्पताल जाकर,जाँच कराओ। बार-बार साबुन से हाथ धो, नमस्ते करो,हाथ ना कभी मिलाओ। … Read more

रिटायरमेंट

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* प्रातः सुबह की सैर करने निकला,मुझे कई वर्षों के बाद एक मित्र मिल गया। मैंने उसे आवाज दी तो वह देखकर अति प्रसन्न हो गया और मुझे आलिंगन में भर लिया। मैंने मित्र से कहा-“तू यहाँ कैसे ?” मित्र ने कहा-“मैं अभी-अभी रिटायर हुआ हूँ तथा अपने बहू-बेटे … Read more

संवेदना शून्य इंसान

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* कहने-सुनने की आदत, कहाँ रह गयी अब। उंगलियों से टाइप किया और संदेश को पहुंचाते अब। भावनाएं हो गयी अब नि:शब्द, इंसां हो गया मात्र प्रायोगिक। ना सुख में न दु:ख में, काम चलाते संदेश लिखकर। ना पढ़ने का न लिखने का, शौक कम ही रहा बाकी। इंसान … Read more

मुर्दों की बस्ती में

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* मुर्दों की बस्ती में मैं जिंदा हूँ,अभी तक, इंसानियत के,दुश्मनों का काल बनूं,तो कोई बात बने। मज़हब और नफ़रत के बीज डाल खेती,कर रहे लोग, प्यार और अमन,का फूल बन खुशबू फैलाऊं,तो कोई बात बने। ज़ज्बातों को दबा दूं मैं ऐसा,बंदा नहीं, खामोशी साया बन,पीछा करती सत्य बोलूं,तो … Read more