कोरोना का प्रहार

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ***************************************************** याद आ रही है मुझे यादें पुरानी ,लगता जैसे ऐतिहासिक कहानी।सुनो भैया-बहना व सुनो सरकार,झेलता रहा हूँ मैं 'कोरोना' का प्रहार। चिकित्सक रक्षक राशन सरकारी,हुई…

2 Comments

वह दिलों में करते राज

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ***************************************************** ना धन-दौलत से मिलता ज्ञान,ना शरीर बल से पाता सम्मान।सत्संगति का जो लगाए ध्यान,उसका ही हो जग में कल्याण। जीते जो अपने स्वार्थ के लिए,होता…

Comments Off on वह दिलों में करते राज

सवाल अवश्य करना चाहिए कि,अपराध क्यों ?

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ***************************************************** आजकल हमारे चारों ओर का वातावरण अपराधमय हो गया है। वर्तमान समय में किसी भी दिन के समाचारों पर ध्यान दिया जाए तो अपराधिक समाचार…

Comments Off on सवाल अवश्य करना चाहिए कि,अपराध क्यों ?

कलियुग में रावण

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) *********************************************************************** कल रात सपने में आया था रावण,कहने लगा-'बहुत कर लिया सहन,युगों से कहते मुझे अत्याचारी रावणकरते हो हर वर्ष दशहरे में मेरा दहन,द्वापर था पावन…

7 Comments

चीनी,तुम जाओ सुधर

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) *********************************************************************** भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष…… दोनों हैं घनी आबादी वाले देश,आपस में सटे इनके कई प्रदेश।दोनों के हैं भिन्न रूप,रंग व वेश,साथ ही…

Comments Off on चीनी,तुम जाओ सुधर

घर के हैं वह सिरमौर

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) *********************************************************************** देखो सुनो घर के हैं वह सिरमौर,दिखते वह ऊपर से अत्यंत कठोर।रहते उनके आया नहीं कमी का दौर,है वे पिता मेरे,नहीं दूजा कोई और। बचपन…

11 Comments

कोरोना:कर्म एवं कर्तव्य

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) *********************************************************************** 'कोरोना' एक विषाणु है जो एक मानव से दूसरे मानव में फैलता है। आज तक की महामारियों के इतिहास में जितने भी विषाणु जिम्मेवार हैं,उनमें…

4 Comments

अभी संकट गहरा है

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** वो यहाँ-वहाँ ना जाने कहाँ-कहाँ, मौत ही मौत का केवल पहरा है... दिखता नहीं अवसर सुनहरा है, चारों ओर अभी संकट गहरा है।…

3 Comments

अभी घर में रहना है

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** अभी घर में रहना है, नहीं कुछ भी कहना है छोड़ बाहरी तथ्यों को, घर में संयोग तलाशना है। अभी घर में रहना…

3 Comments

प्रकृति-संस्कृति है बिसु पर्व

तारकेश्वर महतो ‘गरीब’ बोकारो(झारखंड) ************************************************************************* बिसु पर्व(परब) को अनेक क्षेत्रीय नाम से भी जाना जाता है जैसे-भोगता परब,मण्डा परब,चड़क पूजा,गाँजन परब आदि। बिसु परब मधुमास के तीसरे पहर के आखरी…

Comments Off on प्रकृति-संस्कृति है बिसु पर्व