बदरा घिर आए

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  ***************************************** गगन घन घिरे,पवन फिर उड़ेघटा बन छायो रे,सावन आयो रे। उगेगीं अब नई कोपलें,लहराएगी बेलेंअठखेली कर रही रश्मियाँ,हरियाली खेलेघरती ने श्रृंगार किया है,रुप अनोखा पायो रे।सावन आयो रे… गुन-गुन कर रहीं चिरैया,नया संदेशा लाएभंवरे की गुंजन सुन के,कलियाँ भी मुस्काएफूलों से सज गया बगीचा,राग मल्हार सुनाए रे।सावन आयो रे… चैत की … Read more

हार मत मान

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  ***************************************** आत्म समर्पण हार को,करो न है यह पाप…दृढ़ संकल्प लिए चलो,होगा जीत मिलाप। असफलता से हार कर,जो न कभी घबराय…आ जाता उस पुरुष के,पास सफलता धाय। भूतकाल की भूल से,ग्रहण करो उपदेश…आने वाली जीत का,समझो नव संकेत। घबराओ मत हार से,करो न हिम्मत पस्त…हार निकटतम जीत काकरती मार्ग प्रशस्त। असफल हुए … Read more

‘वेदने तू धन्य है री!’ दर्द का दरिया

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’जयपुर(राजस्थान)*************************************** आधुनिक मीरा महीयसी महादेवी वर्मा को समर्पित यह गीतांजलि विरह गीतों का नायाब नमूना है। यह पुस्तक ६२ गीतों को समेटे हुए है। वेदना को संबोधित शीर्षक गीत ‘वेदना तू धन्य है री!’ महाकवि पंत की इन पंक्तियों को प्रमाणित करता जान पड़ा-‘वियोगी होगा पहला कवि,आह से उपजा होगा गान।निकलकर आँखों … Read more

नव वर्ष की शुभकामनाएं

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** हे प्रभु आशाओं का सूरज चमके,बीत गया साल बीस,अब न रहे कोई टीसनव वर्ष का अभिनंदन करते,विगत को भूल रचाएंगें नव इतिहास।उत्साह-उमंग से करें स्वागत,झूमे नाचे गाएंगेंप्राप्त संबल हो सतत,उत्कर्ष का आदर्श कानव वर्ष की कोख से,जन्म हो नित हर्ष कामातृभाव का वरण,हरण हो प्रेम भाव काशुभ की दृष्टि सतत हो,सृष्टि … Read more

संबल देते रहो

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** मुझे तुम धैर्य बंधाते रहो,जुगनुओं की तरह ही सहीबस जरा साथ चलकर,रौशनी हमको देते रहो।हम कठिन मार्ग पर चल सकें,ऐसा विश्वास देते रहोसंसार में हैं विपदा कई,आप राह दिखाते रहोlये तो माना तूफान हैं,पंथ में लाख व्यवथान हैंपैर ठहरे न इनके लिए,तीव्र गति इनको देते रहो।ये अंधेरा घना हो रहा,पलक मूंदे … Read more

व्योम के बादल

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** व्योम के बादल बहा ले,नीर तूदेख धरती रो रही है…।रो रही सारी दिशाएँ,ज्वार सागर में उठा हैरो रही जग की हवाएँ…।व्योम के बादल बटाले पीर तू…॥ रो रहे पाषाण जिन पर,खेलते निर्झर बहे हैंरात-दिन सरवर रहे हैं…व्योम के बादल हटा ले,नीर तू…॥ रो रहा मेरा हृदय है,रो रहे हैं नैन मेरेजल … Read more

मानवता दिनमान फले फिर

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष….. झिलमिल-झिलमिल आई,दिवाली खुशियों की सौगातें लाई।जब-जब दिवाली आती,मन के दीपक जल उठते।स्नेह युक्त दीपक बाती में,दिल से दिल घुल-मिल जुड़ते।झूठी चमक-दमक में दब कर,दम-दम जी दम फूल रहा है।तेल बिना सूखी है बाती,जीवन पल-पल झूल रहा है।क्या मालूम कब कौन बुझेगा,बहकी-बहकी बयार चल रही।दीपक दृष्टि दिशाविहीन है,कैसे … Read more

शांति का ध्वज फहराएंगे

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… हम देश के सच्चे सेवकमानवता का फर्ज निभाएंगेहम विश्व शांति का,ध्वज फहराएंगे। अमन-चैन की पवन चले,चहुँओर खुशियाली छाएगमों के बादल न छाए,खून खराबा हो न पाए।प्रेम की ज्योति जलाएंगें…हम अपना फर्ज निभाएंगें,रहे ना कोई भूखा-प्यासापूरी हो सबकी अभिलाषाकहीं न हो कोई निराशा,जन-जन में जागृति लाएंगें।हम विश्व … Read more

हमें देता जीवनदान

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** ‘चिकित्सक’ की एक मुस्कान,आधे रोग का निदानचिकित्सक का हम पर,बड़ा अहसानहमें देता है जीवनदान।वो देता है खुशी और हम,लूटते हैं उनकी खुशीउनका ऐशो-आराम,परिवार के साथ बिताने,का अवसर।पहुँचते हैं वक्त-बेवक्त कभी भी,वो निभाता है अपना कर्तव्यलगती है कोई चोट ,वह पहन आता है सफेद कोट।मारने वाले से बचाने वाला बड़ा,अस्पताल में चिकित्सक … Read more

हरियाली जो बोते

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** धरती माता के आँचल में,हरियाली जो बोते,अमन चमन की,खुशियाली को,श्रम का बोझा ढोते।वो किसान होते,शीत-घाम-आंधी-वर्षा मेंहँसते कदम बढा़ते,खेत और खलिहानों के हीगुण गौरव ये गाते।पले धूल मिट्टी में जन्मे,इसमें ही मिल जातेअर्द्धनग्न तन भूखे रत हैं,किन्तु नहीं कुम्हलातेlअन्न देश को जुटा रहे हैं,ये किसान कहलातेलगे जूझने संघर्षों से,वे विश्राम न पाते।माँ … Read more