इंदौर(मध्यप्रदेश)
मुझे तुम धैर्य बंधाते रहो,
जुगनुओं की तरह ही सही
बस जरा साथ चलकर,
रौशनी हमको देते रहो।
हम कठिन मार्ग पर चल सकें,
ऐसा विश्वास देते रहो
संसार में हैं विपदा कई,
आप राह दिखाते रहोl
ये तो माना तूफान हैं,
पंथ में लाख व्यवथान हैं
पैर ठहरे न इनके लिए,
तीव्र गति इनको देते रहो।
ये अंधेरा घना हो रहा,
पलक मूंदे ये जग सोता रहा
पल रूकेगा न इनके लिए,
चेतना इनको देते रहो।
ये हवा तो विषैली हुई,
बूँद भी तो नशीली हुईl
प्राणघातक है इनके लिए,
आस्था इनको देते रहोll
परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।