तुम्हारा प्रेम

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** तुम्हारा प्रेम श्वांसों में मेरे हरदम धड़कता है,मिला जो था वहां अनुभव,होंठों पर फड़कता है।कहूँ शब्दों में कैसे मैं,मिला जो था वहां मुझको- वो मेरे मन…

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भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय आपातकाल

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* २५ जून १९७५-यह तारीख भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काला धब्बा हैI इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था,जो २१ मार्च…

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दूर बैठे हैं

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** स्वयं दिल के ही हाथों हम हुए मजबूर बैठे हैं,तुम्हारे इश्क में हम भी हुए मशहूर बैठे हैं।'कोरोना' से कहीं हम-तुम प्रभावित हो नहीं जाएं- मुहब्बत…

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ग्रहों का असर-हमारे जीवन पर

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* कहा जाता है कि ग्रह,नक्षत्र और राशि हमारे जीवन पर और प्रकृति पर भी असर डालते हैं। तब प्रश्न यह उठता है कि बहुत…

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पिता की यादें

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** 'पिता दिवस' २१ जून विशेष यह मेरी नियति की मुझे मेरे पिता का प्रेम बहुत लंबे समय नहीं मिल पाया,आज जब में उम्र के इस दौर…

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मैं मज़दूर बोल रहा हूँ…

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** आज चारों ओर मेरे ही नाम का शोर है,मेरे प्रति शाब्दिक संवेदनशीलता सोशल मीडिया पर गूँज रही है,सिर्फ मोबाइल की काला पर्दा ही नहीं,आपके घरों दीवारों…

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वरिष्ठों की त्रासदी-कैसे उबरें!

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* 'वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।तथा शरीराणि विहाय जीर्णा- न्यन्यानि संयाति नवानि देही॥ भावार्थ-जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर दूसरे नए वस्त्रों…

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रिश्ते-मर्यादा व खूबसूरती से निभाना सीखो

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* 'मर्यादा' एक व्यक्तिगत और भावनात्मक सीमा है। यह मनोवैज्ञानिक ढाल के रूप में काम करती है। इस सीमा के पैमाने पर ही हम अच्छे और संतुलित…

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दूरी

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** दूरियों का पता जब चलता हैजब हम कुछ देर उस रिश्ते पर ठहरते हैं।दूरियाँ दूर भले ही करती हो,पर कुछ तस्वीरों के धुंधलेपन कोसाफ भी कर…

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नैसर्गिक न्याय

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* घने पेड़ों के झरमुट में बसा हुआ अकीलपुर गाँव,अपनी शोभा,रहन-सहन में अकेला था। नदी किनारे बसा हुआ,हरे-भरे ब़ागों से घिरा हुआ,जरूरत पूरी करने के…

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