मंज़िल को हम पाएंगे
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** नया काल है,नया साल है,गीत नया हम गाएंगे, करना है कुछ नवल-प्रबल अब,मंज़िल को हम पाएंगे। बीत गया जो,विस्मृत करके नव उत्साह जगाएंगे, सुखद पलों को स्मृति में रख कटुता को बिसराएंगे। नई ऊर्जा,नई दिशाएं,नव संकल्प सजाएंगे, करना है कुछ नवल-प्रबल अब,मंज़िल को हम पाएंगे॥ अंतर्मन में शुचिता लेकर, … Read more