अध्यापक,शिक्षक और गुरु

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** प्रायः अध्यापकों को यह शिकायत करते हुए सुनता हूँ कि छात्रों का उनके प्रति प्राचीन काल की भाँति सम्मान का भाव नहीं रहा। छात्र अब अनुशासित नहीं रहते,उनसे बहस करते हैं,उनके आदेशों की अनुपालना नहीं करते इत्यादि!! हाँ,यह सत्य है कि अध्यापक-छात्र के मध्य संबंधों में यह परिवर्तन अवश्य … Read more

जन्मकुंडली…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ लोग कहते हैं जोड़ियाँ ईश्वर बनाता है, शास्त्रों में लिखा है हमारी जन्मकुंडली ऊपरवाला बनाता हैl फिर क्यों ? रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं, क्यों दिल टूटते हैं ? क्यों अपने ही अपनों से रूठते हैंl क्यों रिश्ते, दाग़दार होते हैं ? क्यों रोज़, यहाँ भावनाओं का व्यापार … Read more

कृष्ण जन्म

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. प्रहरी सब सोये कारा के,हर्ष सुरन में भारी, कंस का वध करने को जन्मे,मथुरा में त्रिपुरारि इक पल विहँसि मातु देवकी,दूजे पल घबराई, खबर लगी तो प्राण हरण को,आ जायेगा भाई रचना रची विधाता ने यूँ,शक्ति नन्द घर आयी, हरि के हाथों नष्ट दुष्ट हो,ऐसी … Read more

सैनिक

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ वीर सैनिक, जान लुटा देता है देश के लिए। आंधी तूफान में भी डटा रहता, देश के लिए। अपना घर, परिवार भूलता देश के लिए। सारे रिश्तों को, करता है कुर्बान देश के लिए। सारी खुशियाँ, लुटा देता अपनी देश के लिए। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम … Read more

रब किसका

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** रब उसका, बेज़ार है जिसका तू है किसका ! तेरी तू जाने, पर,मैं तो उसका जो है सबका। वो हर सू है, पर,दिखे उसी को जो है उसका। ऐसा क्यों है कि, वो दिखे न सबको वो तो सबका। तू तो सबमें, बस ऐब ढूँढता तो,क्या देखेगा! झाँक जरा … Read more

साथ-साथ…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ कहने को लगता है हम सब साथ-साथ हैं, मगर बुरे वक्त में ही पता चलता है कौन किसके साथ हैl उगते सूर्य को, प्रणाम करना संसार की नियति है, ढलते हुए को नहीं मतलबपरस्त इंसान तब तक ही साथ होता है, जब तक उसका स्वार्थ अधूरा होता हैl … Read more

तीन सौ सत्तर…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ कश्मीर तंत्र- तीन सौ सत्तर से हुआ स्वतंत्रl एक प्रधान- जम्मू-कश्मीर में हो एक विधानl कश्मीर क्यारी- देखो आज फिर से खिलखिलाईl सबसे न्यारा- जम्मू-कश्मीर में हो तिरंगा प्याराl उठी तरंग- हर हिंदुस्तानी में जगी उमंगl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

सावन…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ मनभावन- मस्ती भरा मौसम, यह सावन। सावन आया- मिट्टी की सौंधी-सौंधी, महक लाया। कली मुस्काई- काली-काली घटायें, नभ में छाई। थोड़ा झूम लें- हरी-भरी धरती, थोड़ा चूम लें। आज बस्ती में- बच्चों की टोली नाच, रही मस्ती में। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म … Read more

विजय दिवस

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. आओ करें नमन उन अमर शहीदों को, कारगिल विजय दिवस पर जो देश हित बलिदान हो गये, अपना सब कुछ देश के नाम, कर गये। आओ करें नमन हम आज उन मात-पिता को, जिन्होंने अपने कलेजे के टुकड़े को, हँसते-हँसते हिंदुस्तान के नाम, … Read more

साहस…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ तू जो चाहे, पर्वत पहाड़ों को फोड़ दे, हवा के बदलते रूख को भी मोड़ दे, अगर साहस से तू काम ले…। तू जो चाहे, सागर की असीम गहराईयों को, भी आज छू ले अंतरिक्ष की अनन्त ऊँचाईयों को, भी आज छू ले अगर साहस से, तू काम … Read more