सिगरेट बोले रे…

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** (रचना शिल्प:तर्ज-झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में) सिगरेट बोले रे,जीवन की मंझधार में,सिगरेट बोले रे..., चाचा आओ ताऊ आओ,छत पर लो सुलगाओ, जी कर क्या…

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