सोया अरमान

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* जो सोये थे अरमान, वो आज जाग गये हैं। अंगड़ाई ले के कैसे, अब हमें जगा रहे हैं। पूछते हैं मुझसे वो क्यों, दफ़न किया था हमको ? दिल में बसा के रखते, हम हौंसला देते तुमको। कभी तो तुम हमको भी, जीने तो दो खुद में। जिंदगी आसान … Read more

जिंदगी

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* हमसे है जिंदगी, जिंदगी से हम नहीं। मिली है तो ये किसी, दुआ से कम नहीं। कभी ख्वाब दिखाती, ये मगरूर जिंदगी। कभी रुख पे घटा बन के, लहराती जिंदगी। कभी शामों-सहर बैठकर, रोयी ये जिंदगी। कहीं चोट कर गई, दिल पे ये जिंदगी। फिर भी उम्मीद की लौ, … Read more

तिल

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* तेरे गोरे-गोरे गालों का तिल, उड़ा ले गया मेरा दिल। कितना संभाला इस नादां को, फिर भी न माना मुआ ये दिल। वो जब भी देखें हँस-हँस के, लुटा-पिटा सा रह जाता दिल। ना ये सँभलता किसी तरह से, कातिल है निकला तेरा ये तिल। उफ्फ…! मादक अदाएं चंचल … Read more

गुलाब

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* मैं गुलाब हूँ,गुलाब हूँ,गुलाब हूँ, तेरी आँखों में पलता मैं ख्वाब हूँ। घर-आँगन की शोभा तो होता हूँ में, सब फूलों का राजा भी होता हूँ मैं। खिलता मुस्काता सदा काँटों में हूँ, तुम्हें जीवन की सीख दे जाता हूँ। तुम न तोड़ो मुझे डाल से यूँ, मैं गुलाब … Read more

ओ कान्हा मेरे

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. ओ मेरे माखन चोर कन्हैया, कबसे खड़ी हूँ तेरे द्वार। मैं ही मीरा मैं ही राधा, आ सुन ले मेरी पुकार। ओ कान्हा मेरे,सुन ले मेरी पुकार… तेरी ही धुन में मस्त रही मैं, छोड़ा सभी घर-द्वार। बाँसुरी की धुन सुन तेरी, नाचूं मैं बारम्बार। … Read more

सबसे प्यारा देश हमारा

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* सबसे प्यारा देश हमारा, हम सबका अभिमान है। सबसे न्यारा देश हमारा, हम सबकी ये शान है। शत-शत नमन तुम्हें, हे देश तेरी जय हो,जय-जय हो। तेरी माटी में पैदा होकर, हम तो धन्य हुए हैं। कितने पुण्य किये होंगे, तब जन्म यहां पे लिए हैं। शत-शत नमन तुम्हें, … Read more

बुलावा

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* जब बुलावा माता का आता, हम मंदिर-मंदिर जाते हैं। पहाड़ों के हों या मैदान के, सबमें माँ के दर्शन हो जाते हैं। सुनो,जब बुलावा मेरा आया, मैं श्री केदारनाथ जा पहुंची थी। चल नहीं पाती थी दस कदम भी, वहां चौदह किलोमीटर पैदल चली थी। बगैर बुलावे के तो … Read more

अनुपम व्यक्तित्व

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* इस धरा में पैदा हुए, हैं अनुपम व्यक्तित्व जो उन्हें सलाम करते हैं हम, अपनी छाप छोड़ गए जो। है जूनून जिनमें यहां, लक्ष्य भेद देते हैं वो इस धरा की माटी में, रोज पैदा होते हैं वो। करते हैं विश्वास खुद पे, ऐसा काम करते हैं वो अब्दुल … Read more

शब्द

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* शब्दों के जब बाण चलें तो, दिल घायल हो जाता है। कैसा भी हो नेह का बंधन, आखिर वो भी टूट जाता है। शब्द हमारे होंठों से यूँ, जब हवा में लहराते हैं। कहीं पर दिल में डाका डालें, कहीं पे आग लगाते हैं। जो सोच के शब्दों को … Read more

सावन आयो रे

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* पायल छम छम संग देखो, ये सावन आयो रे। रिमझिम बारिश की बूंदों संग, ये सावन आयो रे। कारी बदरिया छाए गगन में, बादल आवारा मंडरा ये। दूर गये साजन की यादें, संग संग अपनी लाएं। ओ….ओ….ओ…. बारिश की बौछारों संग देखो, सावन आयो रे। सावन….॥ रंगे हाथ हैं … Read more