सोया अरमान
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* जो सोये थे अरमान, वो आज जाग गये हैं। अंगड़ाई ले के कैसे, अब हमें जगा रहे हैं। पूछते हैं मुझसे वो क्यों, दफ़न किया था हमको ? दिल में बसा के रखते, हम हौंसला देते तुमको। कभी तो तुम हमको भी, जीने तो दो खुद में। जिंदगी आसान … Read more