नयन से नीर
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* ख़ुशी-ख़ुशी जब गले मिले हम, तब भी बहते नयन से नीर। गम में भी तड़पें जो कभी हम, तब भी बहते नयन से नीर। ठंडी-ठंडी हवा चले जब, मन्द-मन्द मुस्काए। दिल में मचलती हैं उमंगें, नयन छलक ही जाएँ। हो मुहब्बत गर हमें उनसे, तड़पें दिन और रात। नयन … Read more