सागर के उस पार
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* असीम सागर देख सवाल गए मन में ठहर,पानी ही पानी,जहाँ तक गयी मेरी नजरऊपर की ओर देखा,दिल में उठती उमंगें,नीचे धूप में मुस्काती सागर की…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* असीम सागर देख सवाल गए मन में ठहर,पानी ही पानी,जहाँ तक गयी मेरी नजरऊपर की ओर देखा,दिल में उठती उमंगें,नीचे धूप में मुस्काती सागर की…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* कभी-कभी मन मेंख़्याल आता है कि,यदि ये दुनिया इकस्वप्न की भांति होती,तो कैसी होती ??फिर अगले ही पल,अपने ही ख़्याल काउत्तर ज़ेहन में आता है।ये…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* बचपन की तरह दोस्त,आज बारिश में भीगते हैंपानी से भरी गलियों में,दौड़ लगा बाजी जीतते हैं।तू जहाज़ बना मैं नाव,कौन दूर तलक जाता हैचल आज…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* अल्हड़ता थी उन्मुक्तता थी,भोलापन और स्वच्छन्दता थीमन था!! अतल गहराईयां नहीं,बचपन था गम्भीरता नहींछोटे-छोटे से ख्वाब थेखेल और खिलौनों के।बचपन बीता,वक्त बदला-प्रारम्भ हुआ जन्म इच्छा…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* तन पर नहीं वस्त्र,सर पर नहीं छतनिर्भाव तटस्थ मन,निर्भार-सा तन।हाथों में थमे पुष्प,इत्र फैलाएँ सर्वत्रहरियावाल के मध्य,फिर भी शुष्क लब।भावी चिन्तन,खोखले शब्दऊँघता गगन,सोए स्वप्न।मासूम बचपन,तोड़ता…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* कितनी ठसक से बैठा,आसमां के सिंहासन परविश्व तम को चीर कर,रौबीला मनमोहक चाँद। तारिकाओं की सेना लाकर,दस दिशि अमृत छलकाकरठंडक का रसपान करा कर,मन का…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* आसमान सुलग रहा,सूरज आग बरसा रहाधरती का तापमान,निरन्तर बढ़ रहापृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन,व ग्लोबल वार्मिंग केदुष्प्रभाव से-पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा,प्राकृतिक परिवेश बिगड़ रहाभूगर्भीय जल भी,प्रदूषित…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* फूल-पत्तों को,पूछा तुम्हारा पतारातभर बैठकर,तारों के साथदिल का दुःख,किया हल्का।चलती हवा को,दिया सन्देशतुम्हारे घरलौटने का,विनय कर कहातुम्हें बताए जाकर,हम हैं बैठेउनके इन्तज़ार में।कैसी लगन लगाकर,खुद…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* चाहती हूँ फूल बन तुम पे बिखर जाना, चाहती हूँ बादल बन तुम पे बरस जाना। संदेश नवजीवन का सुनाना चाहती हूँ- प्रथम पाती प्रेम…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************************* उन राहों पर फिर से,जाने को करता है मन।जहाँ कभी हम दोनों,चले थे संग-संग॥ उन हसीन वादियों में,डूब जाने को करता है मन।जहाँ गाये थे…