वो नाचती थी ?
प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** `विश्व नृत्य दिवस` २९ अप्रैल विशेष…. जीवन की, हकीकत से अनजान। अपनी लय में, अपनी ताल में हर बात से अनजान। वो…नाचती थी ? सोचती…थी ? नाचना ही…जिंदगी है, गीत-लय-ताल ही बंदगी है। नाचना…ही जिंदगी है, नहीं….शायद नाचना ही….जिंदगी नहीं है। इंसान हालात से नाच सकता है, मजबूरियों की … Read more