पथिक
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** पथिक- चलते-चलते तुम पथिक,राह न जाना भूल। सत्य मार्ग पर चल सदा,बन कर सुन्दर फूल॥ सहयोग- बड़े-बड़े से काम भी,होते हैं संजोग। मिलकर देते हैं सभी,अपना जब सहयोग॥ पंथ- चलना अपने पंथ पर,भूल न जाना यार। सफल काम होगा तभी,मान मिले संसार॥ मंजिल- मंजिल सबकी है अलग,अपनी अपनी … Read more