क्यूँ हार गए तुम!

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** सुशांत सिंह-आत्महत्या इतनी क्या देर हो गई तुम्हें,तुम्हें आए कितने दिन हुएऐसे कोई थोड़े जाता है भला,ये जिंदगी कोई खेल थोड़े है। चौतीस यौवन देख चुके तुम,क्या इतने ही ज्यादा हो गएइस छोटी-सी जिंदगी में,जीवन क्यों मजबूर हुआ! अभी सारा जीवन बाकी था,शुरुआत तो अब हुई थीदूसरे को हौंसला देने वाले,स्वयं … Read more

मेरा सपना सच हो जाए

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** काश! मेरा सपना सच हो जाए, जीवन का बहुमूल्य समय सत्य हो जाए सबको अपना लक्ष्य प्राप्त हो जाए, मन को छू लेने वाली कोई बात हो जाए। काश! मेरा सपना सच हो जाए… विज्ञान की प्रगति से दुनिया को आलोकित किया जाए भौतिकी,रसायन,जीव से जीवनदान मिल जाए, मनुष्यों मे जग-ज्योत … Read more

आराधना

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** माँ की छाँव में, ममता के ममत्व से दिल को छू लेने वाली तू, करो आराधना माता की। जहाँ मिले आत्मा को, शान्ति स्वभाव में शरण में सर्वश्रेष्ठ हो, उस माँ की करो आराधना। जो दुखों का करती संहार, पापियों का करती नाश दुखों में देती मेरा साथ, उस ममतामयी माँ … Read more

प्रदूषण

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** भारत को स्वच्छ बनाना है, प्रदूषण को दूर भगाना है स्वच्छ भारत स्वच्छ समाज, स्वच्छ है घर,स्वच्छ संसार। स्वच्छ जल स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छता हमारी सोच हमारी प्रदूषण मुक्त बनाना है, भारत को स्वच्छ बनाना है। सोच अपनी बदलनी है, प्रदूषण से हमें अवगत समाज को कराना है, स्वच्छता अभियान चलाना है। … Read more

मौत से लड़ना क्या

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** मौत से लड़ना क्या, मौत तो एक बहाना है जिन्दगी के पन्नों में, कब क्या हो जाए… ये न तो मैं जानता,न तुम…। उल्फत न मिलती, जीवन की रुसवाईयों में हर जहाँ हमें पता होता, जीवन की रहनुमाईयों में मौत से मुड़ना क्या…। आरजू,जुस्तजू से, अनुभूतियाँ नहीं होती हर रास्ते में … Read more

कैसे बचाओगे बेटियों को तुम!

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** शिक्षा के मन्दिर में,बलात्कार करते हो तुम, गुरु के पवित्र नाम पर,कलंकित होते हो तुम। हे भारत के ज्ञानदाता,ज्ञान के मन्दिर में, बेटियों की इज्जत से खेलते हो तुम। गुरु के नाम को बदनामी के रंग से रगते हो तुम, लड़कियों के शरीर को खिलौना समझ खेलते हो तुम। तुम इंसानों! … Read more

नव वर्ष नए रुप में

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** नव वर्ष में,नव रुप में, नव नवल में,नव कमल में नव रंग में,नव तरंग में, नव उदय में,नव राग मेंl नव गीत में,नव प्रीत में, नव उमंग में,नव उज्जवल में नव नभ में,नव सूर्य में, नव रीति में,नव नीति मेंl नव जीत में,नव प्रवाह में, नव दिशा में,नव दर्पण में नव … Read more

सुबह की पहली किरण

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** सुबह की पहली किरण, हमें नई रोशनी है दिखाती जीवन का नया रास्ता है दिखाती, मन और तन में नया जोश जगाती जीवन को नया उजाला दिखलाती, मन को उमंगों से भर जाती। सुबह की पहली किरण, नई लक्ष्य दिखाती नया रंग और नया रुप दिखाती, नई कल्पनाओं से हमें अवगत … Read more

वो बचपन की याद फिर आयी

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** वो बचपन की यादें फिर याद आयी, ज़हाँ चिड़ियों की चहचहाहट रही चाँदनी खेतों में खिलखिलाती रही रोशनी, भँवरों में मुस्कुराहट भरी है। वो बचपन की यादें फिर याद आयी… सूर्य की किरणें चमकता ही रहता है, पेड़ों में फल लदा ही रहता है चिड़ियों में गूँज गूंजता ही रहता है, … Read more

फिर ये नजर हो न हो

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** फिर ये नजर हो न हो, मैं और मेरी तनहाई नजर आएगी, तेरा मुस्कुराता चेहरा यूँ खिलखिलाता, नाम तेरा पूजता रहूं। फिर ये नजर हो न हो… जिंदगी के खेल में, फूलों के मेल में कलियों के साथ, गुलाबों के हाथ तुम मुझे सम्मान दो, या मुझे उफान दो मैं मिलूंगा … Read more