अटल विश्वास

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** अटल विश्वास है मुझको,भँवर भी पार कर लूँगा,जीत को मीत मैं कर के,हार की हार कर लूँगा।अगर ठोकर लगेगी तो,सँभालेगा मुझे मोहन-भरूँगा गीत नित नूतन,अधर गुलजार कर…

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कर्तव्य

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** कर्तव्य पथ पर चल पड़ा जो,आँधियों से कब डरा है।पथ में असीमित शैल होंगे,उर सदा माधव भरा है॥ मधु हास भरकर बाँह अपनी,मंजिलें नित खोलती हैं।शूलों हटो…

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माँ

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** भँवर बहुत ही गूढ़ है,नाव रही है डोल।ओ माँ शेरा वालिये,झट दरवाजे खोल॥ विपदा बड़ी विशाल है,भू है डाँवाडोल।नयन भर गये नीर से,माँ दरवाजे खोल॥ बड़ी गहन,माँ…

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मानवता घायल हुई

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** मानवता घायल हुई,विपदा का है काल।वायुकणों में बुन दिया,कोरोना ने जाल॥कोरोना ने जाल,हवा में जहर घुला है।कैसे लांघें द्वार,काल का द्वार खुला है!कह सागर कविराय,डरी है बिंदी,पायल।'कोरोना'…

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सुख और दु:ख में सदा

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… भूत,वर्तमान और भविष्य का,सदा होतीं स्पष्ट चित्र पुस्तकें।सुख और दु:ख में सदा साथ दें,होतीं हैं प्रगाढ़ मित्र पुस्तकें॥ हारते को दिखातीं राह…

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मेरे राम…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** राम रस,राम गंध,राम जीव तत्व हैं।उर,श्वास के हितार्थ,राम का महत्व है॥ रोम-रोम बसे राम,जीव-जीव राम हैं।तरी होती पार,यदि,साथ राम नाम है॥ रसना नि: स्वार्थ जब,राम को पुकारती।राह…

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भगवा रंग बोलेगा…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार १६-१५ भारती के लाल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा।दुश्मनों के काल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा॥ चढ़ाये शीश हँस-हँसकर,निडर हो माँ के चरणों में।वो माँ…

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न जाओ पिया जी…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** रचना शिल्प:मात्रा भार १६-१६ मुझे न जाओ छोड़ पिया जी,तार-तार कर तार प्यार के।अप्रतिम नेह दिया है प्रियतम,उर को तुम पर सदा वार के॥ तुझको पाकर मुझे…

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मन बन जा तू पारखी

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** नयन किसन के तक रहे,राधा को अविराम।माधव राधा हो रहे,राधा श्यामल श्याम॥ रघुकुल की महिमा बड़ी,सत ही सत चहुंओर।एक घाट पानी पियें,केहरि,मानुष,ढोर॥ गौरवशाली है रहा,भारत का इतिहास।सूली…

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गाँव की पाठशाला…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** जिस पावनतम मंदिर में जा,पथ पर चलना सीखा हमने।जीवन में नव-नव साँचों में,अविरल ढलना सीखा हमने॥ तमस चीरकर जिसने पथ पर,आखर देकर किया उजाला।वंदनीय है,पूजनीय है,गाँव की…

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