बुनियाद पुख्ता कर लो

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** इश्क के इस हमारे घरौंदे की नींव हिलाएगी ही यह दुनिया, गर करनी है मोहब्बत मुझसे बुनियाद इसकी पुख्ता कर लो। ना दुनिया से लेना है मुझे कुछ ना ही दुनिया को देना है कुछ, गरीबों की गरीबी के सौदागर जो हिसाब उनसे भी चुकता कर लो। दर्द के साथ … Read more

माता-पिता और गुरु

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ माता-पिता ने पैदा किया,पर दिया गुरु ने ज्ञान, लाड़-प्यार दिया दादा-दादी ने। पर गुरु ने दिया अच्छे बुरा का ज्ञान, उठे हृदय में जब भी विकार। तब उन्हें गुरु ने कर दिया शांत, तभी तो कहता हूँ मैं कि आचार्यश्री हैं इस युग के भगवान। गुरु ही साँस और गुरु ही … Read more

रेलगाड़ी के गार्ड का डिब्बा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** रेलगाड़ी के अंत में वो,मैं गार्ड का डिब्बा हूँ, किसी ओर की मंजिल को,मैं उससे बंधा हूँ। छूट गये निशानों को देखना ही मेरी फितरत, क्या हो रहा है आगे,यह देखने को अंधा हूँ। खींच ले रहे हैं शायद,ये आगे वाले ही मुझे, या उनके साथ,खुद घिसटता हुआ बंदा हूँ। … Read more

गुरुदेव को नमन मेरा

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ आचार्य श्री विद्यासागर जी को समर्पित…….. हे धरती के देव दिगम्बर, तुम्हें नमन मेरा। तेरे पदचिन्हों पर गुरुवर, रहे गमन मेरा॥ भारत की चैतन्य धरोहर, जिन्मुद्रा धारी। महावीर की महाविरासत, प्राणों से प्यारी। जिनशासन जयवंत रहेगा, चरित लाख तेरा। तेरे पदचिन्हों पर गुरुवर, रहे गमन मेरा, हे धरती के देव दिगम्बर…॥ … Read more

विकास करें रचनात्मकता का

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** रचनात्मकता या सृजनात्मकता(क्रिएटिविटी) को जानना और प्रयोग करना मनुष्य में शिक्षा के आविष्कार के पहले से ही चली आ रही है। यह मनुष्य की अपने विचार और संदेश को अलग तरह से बतलाने की जिज्ञासा है। रचनात्मकता, बड़ा बनने के लिए नहीं है,बल्कि अलग दिखने के लिए है। रचनात्मकता जीवन … Read more

दिल का हाल किसे बतलाएं

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ किस-किसको बतलाएं, हाल ये दिल का। कहते हुए भी शर्माएं हाल ये दिल का, जिससे हमें हुआ है प्यार, कैसे बतलाएं उनको। कहीं सुनकर वो मेरी बात, रूठ न जाएंll वैसे भी इस दिल में गम का भंडार पड़ा है, इसमें से कुछ को कम किया जाए इजहार करके। या फिर … Read more

अजीब रहा वह सफर

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** वो अपने में ही सिमटते रहे, हम भी कुछ अनमने से रहे। बडा अजीब रहा वह सफर, वो खामोश,हम चुप ही रहे। नजरें तो गढ़ी रहीं दूर उनकी, कनखियों से तो पर तकते रहे। पल्लू तो सम्हाल रखा कसकर, अंगुलियां फिर भी मरोड़ते रहे। ठान ली ही थी,चुप रहने की, … Read more

क्या करें,क्यों करें

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ क्या करें,क्यों करें,किसके लिए करें, कोई तो हमें समझाए। मिला है मानव जन्म हमें, तो कुछ अच्छा कर जाएं… ताकि ये जीवन सफल हो जाए। कितना कुछ हम लोगों ने, देश-दुनिया को बदल दिया। पर खुद को हम बदल न पाए, बढ़ते दूसरों के कदमों को, खींचकर पीछे जरूर हम लाए… … Read more

सास-बहू का रिश्ता

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ सास,बहू का रिश्ता क्या होता है, मैं तुमको समझाता हूँ। हर घर की कहानी,तुमको मैं सुनाता हूँ, सुनकर कुछ सोचना,और कुछ समझना। सही बात यदि मैंने कही,तो बता देना मुझे॥ सास-बहू का रिश्ता बड़ा अजीब होता है, बहू,सास को माँ कहे तो रिश्ता प्यारा होता है। सास अगर बहू को बेटी … Read more

मुस्कराना जिन्दगी है..

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ फूल बनकर मुस्कराना जिन्दगी है, मुस्कुरा के गम भुलाना जिन्दगी हैl मिलकर लोग खुश होते हैं तो क्या हुआ, बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी हैll जिंदगी जिंदा दिलों की आस होती है, मुर्दा दिल क्या खाक जीते हैं जिंदगी। मिलना-बिछुड़ जाना तो लगा रहता है, जीते-जी मिलते रहना ही जिंदगी … Read more