है कोई ऐसा मंत्र!

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** न राम चाहिए, न श्याम चाहिए। हम लोगों को तो, ‘कोरोना’ से निजात चाहिए। है कोई ऐसा मंत्र, अब तांत्रिकों के पास! जो इसका बीमारी का, कर सके इलाज॥ भविष्यवाणी करने वालों, कहाँ पर तुम सब सो गए। क्या अब कोरोना के बारे में, अपना मुँह खोलोगे। या फिर से देशवासियों … Read more

जमाना फिर होगा उल्लास का

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** दरख्तों पर ठिकाना हो गया है,मानो पतझड़ का कयामत का ठहराव-सा कुछ पल की हरकतों का, ये शाखाएं सूख कर भी खड़ी हैं हाथों को फैलाए अब आने वाला है वक्त इन पर फिर फूलों पत्तों का। ये उत्तुंग चट्टानें यूँ ही नहीं खड़ी,अडिग हैं रहतीं हौंसला समेटे हैं,सहने को … Read more

जान है तो जहान है

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** नहीं लग रहा है मन, अब अपने ही घर में। इतने दिन गुजारे हैं तो, और भी निकल जाएंगे॥ जो नहीं रहते थे घरों में, अपने-अपने कामों के कारण। सुबह से रात तक व्यस्त, रहते थे अपने व्यवसाय में। सबसे ज्यादा परेशानियां, इन्हीं को ज्यादा हो रही। और घर में रहना … Read more

खुशी तुझे दे दूँ

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** दिल करता है, जिंदगी तुझे दे दूँ। जिंदगी की सारी खुशी तुझे दे दूँ। दे दे अगर तू मुझे, भरोसा अपने साथ का। तो यकीन कर मेरा, साँसे दे दूंगा तुझे अपनीll अब तक दिया है साथ, आगे भी उम्मीद रखता हूँ। तेरे जैसे दोस्त को, अपने दिल में रखता हूँ। … Read more

संभल कर रहो

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** जान ले रहा है ‘कोरोना’, अब हिंदुस्तान में। अब संभल कर रहो, अपने-अपने घरों में। कैसी बीमारी ये आई, जान पर आफत आई। न कोई समझे-न ही जाने, बस हाँ में हाँ सबकी मिलानी। कैसे ले रही है, जान इंसानों की। अब संभल कर रहो, अपने-अपने घरों में। किसी का पाप, … Read more

चम्पा का फूल

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* चम्पा के फूल जैसी काया तुम्हारी, मन को आकर्षित कर देती जब, खिल जाती हो चम्पा की तरह। भौंरे..तितलियों के संग जब भेजती हो सुगंध का सन्देश, वातावरण हो जाता है सुगंधित और मन हो जाता मंत्रमुग्ध। जब सँवारती हो चम्पा के फूलों से अपना तन, जूड़े में,माला में और … Read more

होली का रंग

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** तुम्हें कैसे रंग लगाएं, और कैसे होली मनाएं ? दिल कहता है होली, एक-दूजे के दिलों में खेलो क्योंकि बहार का रंग तो, पानी से धुल जाता है पर दिल का रंग दिल पर, सदा के लिए चढ़ा जाता है॥ प्रेम-मोहब्बत से भरा, ये रंगों का त्यौहार है। जिसमें राधा कृष्ण … Read more

अब यह होली कैसे खिले

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** हाथों में सम्भाले रंगों को,गालों पर कैसे मलें देख एक-दूजे को जब पड़ रहे हों ये चेहरे पीले, दुश्मन बन बैठै हों जब एक-दूसरे के यहाँ सभी- रंगों का यह त्यौहार हँसी-खुशी से कैसे खिले। नफरत की मार के निशान देखो इन शरीरों पर इंसानियत के दाग यह दिखेंगे काले … Read more

मज़बूत हूँ मैं

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** मज़बूर हूँ मैं, मगर ये मत समझना, कि कमज़ोर हूँ। मज़बूत हूँ मैं, साथ ही ग़रीब हूँ मगर लाचार नहीं॥ तेरे शोषण का सबूत हूँ मैं, तेरी ही पहचान हूँ मैं फिर भी अपनों के लिए, कार्य कर रही हूँ। दुखी होते हुए भी, जीवन जिये जा रही हूँ। मज़बूर हूँ … Read more

मिलन

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** जब हम होंगे,तुम्हारे पास तो, कयामत निश्चित ही,तुम्हारे दिल में आएगी। धड़कने दिलों की,मानो थम जाएगी, जब चाँदनी रात में,होगा दिलों का संगम। तो दिलों के,बाग लहरा उठेंगें, और अमन-चैन,के फूल खिलेंगे। तो मचलते दिल को, जरूर शांति मिलेगीll दिल की यही,खासियत होती है, जब वो मचलता,या पिघलता है। तब दिन-रात,नहीं … Read more