ज़िन्दगी इक नदी…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** जिंदगी इक नदी है,अनवरत प्रवाहकिए बिना परवाह,आगे बढ़ते ही जानावापस कभी ना आना,‘सावन’ समय के साथकदमताल मिलाना,धार से अलग होखेतों में जाना…लोक कल्याण हेतु,खुद को मिटानायही तो नदी है…यही जिंदगी है…। कहीं है सुखद-शांति,कहीं अशांति-क्रांतिकहीं है पारदर्शिता,तो कहीं भ्रम-भ्रांति। मन से गुनो,नदी से सुनो। मृत्यु की निनाद,और जीवन का संगीतकरो … Read more

इक्कीस दिन…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** अमवा बाजार गाँव को एक फुलवारी ही समझिए,जिसमें सभी रूप-रंगों और सुगंधों के पुष्प खिले हुए हैं। इन पुष्पों में एक पुष्प है ‘माधुरी’ जो विधवा है। उसकी बड़ी बेटी मधु अभी छह वर्ष की ही है,लेकिन माँ की मजबूरियों को समझती है। वह अपने छोटे भाई मुन्नू को गोद … Read more

ज़िन्दगी इक नदी…

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** जिंदगी इक नदी है, अनवरत प्रवाह किए बिना परवाह, आगे बढ़ते ही जाना वापस कभी ना आनाl ‘सावन’ समय के साथ, कदमताल मिलाना धार से अलग हो खेतों में जाना, लोक कल्याण हेतु खुद को मिटानाl यही तो नदी है, यही जिंदगी हैl कहीं है सुखद-शांति, कहीं अशांति-क्रांति कहीं है … Read more

ताजमहल

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** नल के जल को भी गंगाजल समझिए, भूलकर भी न दुश्मन को निर्बल समझिए। जो हो गया सो हो गया,मत रोइए, मिले हुए हर फल को कर्मफल समझिए। सवालों के शूल से दिल घायल न हो, इक सवाल को दूसरे का हल समझिए। ‘सावन’ सुख से सोइए सूखे बिस्तर पर, … Read more

प्यार करूं कैसे

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** मुझे नफरत है प्यार से,प्यार करूं कैसे, वो प्यार करती है मुझसे,इन्कार करूं कैसे। गुलाबी होंठों से टपकता है ‘सावन’-स्नेह रस, छात्र जीवन में आशिकी स्वीकार करूं कैसे। विश्वास करती है मुझ पर,विश्वास करता हूँ उस पर, विश्वास के महासागर को पार करूं कैसे। परीक्षा है सिर पर,करना है खूब … Read more

सहायक आयुक्त से पाया कवि ‘सावन’ ने सम्मान

तिनसुकिया(असम)l युवा कवि एवं स्नातकोत्तर शिक्षक सुनील चौरसिया ‘सावन’ को केन्द्रीय विद्यालय संगठन(तिनसुकिया संभाग,असम) के सहायक आयुक्त एस.वी. जोगलेकर ने सम्मानित किया हैl अमेरिका में `सावन` की कविता प्रकाशित होने पर अहर्निश आगे बढ़ते रहने की शुभकामनाएं देते हुए ‘सावन’ की कविताओं को सुनकर उनका मनोबल भी बढ़ायाl                … Read more

आगे बढ़ते ही जाना

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** ओ राही, आगे बढ़ते ही जाना-२ लोगों की बातों में, भूल कर भी न आना। आगे बढ़ते ही जाना-२…॥ तुम्हारे सभी रास्तों को,लोग गलत ही कहेंगे, न खुद ही चलेंगे,न चलने ही देंगे। तुम्हारे सभी रास्ते सही हैं हे राही, तुम्हीं हो देशभक्त,शख्त साहसी सिपाही। एक लक्ष्य लख ‘सावन’, शान … Read more

काश! पुनः लौटकर प्यारा बचपन आता

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** काश! पुनः लौटकर वह प्यारा बचपन आता, ठुमुक-ठुमुक चलते हुए पाठशाला जाता। गुरूजी का डण्डा देख मन में सकपकाता, छिप-छिपकर कक्षा में कुछ न कुछ खाता। चोर लिखकर पीठ पर,खूब खिलखिलाता। जब वह पूछता, ‘किसने लिखा ?’ तो मुस्कुराता। बस्ते में बस्ता बाँध,एक-दूजे को लड़ाता, काश! पुनः लौटकर वह प्यारा … Read more

चंदा मामा

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** तारों की बरात लेकर, आ गये चन्दा मामा। दूल्हा बनकर दुनिया में छा गये चन्दा मामा॥ चन्दा मामा निकल पड़े हैं, मामी की तलाश में। दर-दर भटक रहे हैं देखो, बादल संग आकाश में॥ प्यारे-प्यारे सारे तारे, भूल गए हैं रास्ता। भटक गए हैं,लटक गए हैं, कैसे करेंगे नाश्ता॥ निशा-रानी … Read more