दीपक
प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** हे दीपक! जलते रहना तू निरन्तर, हवाओं से डटना तू होकर निडर। संसार के अंधेरे को मिटाना है तुझे, जग में सोए हुए को जगाना है तुझे। संघर्षों से लड़ना है,रहना तू तत्पर, हे दीपक! जलते रहना तू निरन्तर… रवि के सामने अंधकार सब भागे, जिनके होने से संसार सभी जागे। … Read more