दीपक

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** हे दीपक! जलते रहना तू निरन्तर, हवाओं से डटना तू होकर निडर। संसार के अंधेरे को मिटाना है तुझे, जग में सोए हुए को जगाना है तुझे। संघर्षों से लड़ना है,रहना तू तत्पर, हे दीपक! जलते रहना तू निरन्तर… रवि के सामने अंधकार सब भागे, जिनके होने से संसार सभी जागे। … Read more

कैसे अंतर्मन की प्यास बुझाऊँ…

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* कैसे अपने अंतर्मन की प्यास मिटाऊं, अपने टूटे दिल को मैं कैसे समझाऊं। आग लगी है मुरझाये से पगले मन में, जलता है तन मन मैं कैसे कहो बुझाऊं। घाव बहुत गहरे अपनों ने दिये हैं मुझको, उठती है जो टीस कहो किसको दिखलाऊं। इतनी तो मेरे लेखन में … Read more

माता-पिता

आशीष प्रेम ‘शंकर’ मधुबनी(बिहार) ************************************************************************** माँ की ममता पिता का प्यार, न जग में है इसका सार माँ का आँचल गले का हार, पिता ही बेटे का श्रृंगार। माँ करुणामयी करुण की धार, पिता पुत्र का है करतार माँ वो शीशा जिसको पार, कर न सके कोई भेदनहार। माँ वो छतरी है रे नैन, बिन … Read more

बच्चे का आक्रोश

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. नही ताहिए धोले हाती मुदतो ललने दाना है, थीमा पल दातल बैली तो मुदतो थबत थिताना है। तुम मुदतो थोता ना थमदो बला हो दया हूँ अब मैं, दो बंदूत हात में मेले फिल दिथलाऊँ तैथा मैं। मुदतो तू दाने दे मैया अब तू … Read more

जिंदगी

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** जीवन में आती है सुख-दु:ख की छांव, जिंदगी में बढ़ाना सोच-समझकर पांव। वैसे तो बहुत माहिर हैं जिंदगियां यहां, जिंदगियों ने बसाये हैं संघर्षों के गांव॥ कठिन संघर्षों का पिटारा है जिंदगी, वाद-विवादों का निपटारा है जिंदगी। मीठे-मीठे चेहरों में छिपा है धोखा, कटु बोलों में स्पष्ट नजारा है जिंदगी॥ जीवन … Read more

अत्याचार

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* शादी कर के लाये हो तुम क्यों करते हो अत्याचार, मात-पिता को छोड़ा मैंने छोड़ दिया सारा घर-बार। मैंने तो सोचा था जब मैं साजन के घर जाऊंगी, प्यार मिलेगा मुझको सबका दुनिया नयी बसाऊंगी। पर आकर ससुराल में मुझको ये कैसा उपहार मिला! प्यार के बदले साजन से … Read more

‘हिंदी’ है देश-प्रेम की भाषा

शंकर शरण  ************************************************************************ यह बात बार-बार साबित हो रही है कि जिन भारतीयों को पूरे देश से जुड़ाव-लगाव है वे तो हिंदी का महत्व समझते हैं,लेकिन जो राष्ट्रीय एकता के प्रति लापरवाह हैं,प्राय: वही हिंदी पर हीला-हवाला करते हैं। हमारे जो बुद्धिजीवी माओवादियों,अलगाववादियों, जिहादियों आदि से सहानुभूति रखते हैं,वे हिंदी का विरोध भी करते हैं। … Read more

जानना होगा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* भला क्या है बुरा क्या है, मुझे ये जानना होगा बुरी राहों पे चलने से भी, खुद को टालना होगा। सिखाती है हमें ये जिंदगी, जीने के तरीके सबक जीने का मुझको भी, इसी से सीखना होगा। गले मिलते हैं दुश्मन भी, मुखौटा पहन यारी का है कौन अपना … Read more

बुराई में अच्छाई

आशीष प्रेम ‘शंकर’ मधुबनी(बिहार) ************************************************************************** क्यूँ कहते हो कि ये मुझसे नहीं होगा ? क्यूँ कहते हो कि ये मेरे लिए बना नहीं होगा ? बनी तो दुनिया भी सिकंदर के लिए नहीं थी, पर उसकी मेहनत में कोई शक भी तो नहीं था। वो बैठा न था,किस्मत के भरोसे, वो चलता न था,काफिलों के … Read more

शुभ दीपावली

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** आओ चल-चल कर अब सबको जगाएंगे हम, इस बार कुछ अलग से दिवाली मनाएंगे हम। पूरे देश में कंधे से कंधा मिलाकर चलें हम, इस दिवाली प्रेम के दीपों से सजाकर चलें हम। इस दिवाली में चुनकर ऐसे पुष्प खिलाएंगे हम, इस बार कुछ अलग से दिवाली मनाएंगे हम॥ नफ़रत को … Read more