मकर संक्रांति अलबेली
आशीष प्रेम ‘शंकर’मधुबनी(बिहार)********************************* मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. मकर की मस्त नवेला,आई है अजगुत बेला।पवन सिहकी मन बहका,आडम्बर लगा अकेला। पारस मनोरम इंगित हैं,मकर की कथा कथित है।खिच्चड़़,संग तिल की लाई,तिल-तिल…