बसंत की सुगंध

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ बसन्त की पाकर के सुगन्ध अलसी देखो लगी अलसाने, फूली सरसों हाथ पीले कर लगे खेत-खलिहान महकने। चना मटर फलियों से लदगद प्रसन्न कृषक लगे चहकने, गेहूं फूले बालियों से भर गये दौड़ी हवा देख मुस्कराने॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान … Read more

तिरंगा हर पल निर्णायक हो मेरा

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ जिस तिरंगे के नीचे हमने आजादी का युद्ध लड़ा था, बाल युवा वृद्ध मिलकर जिसके नीचे तनकर खड़ा था। क्यों न वही तिरंगा झण्डा हर पल निर्णायक हो मेरा- हम कितने कर्तव्यनिष्ठ हैं लगाते देश के लिए नारा। परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में … Read more

क्यों न रोक पाते हैं ? ?

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हर गणतंत्र दिवस शक्ति राजपथ पर हम दिखलाते हैं, नभ थल जल औरद शत्रु पराक्रम से हमारे थर्राते हैं। पर आए दिन सैनिक शहीद बच्चे घर पर अकुलाते हैं- अब प्रश्न यही खड़ा है शव गिनना क्यों न रोक पाते हैं ? ? परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ … Read more

राष्ट्रहित धर्म का पहले पालन होना चाहिए

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ संसद से पारित कानूनों का सम्मान होना चाहिए, सभी धर्म पंथ समुदायों का भी मान होना चाहिए सबसे ऊपर गौरवशाली मातृभूमि के लिए मित्रों- राष्ट्रहित धर्म का सबसे पहले पालन होना चाहिएl परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर … Read more

भारतीय गणतंत्र में जनता की भागीदारी

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… भारतीय संघ की विविधता में एकता सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक `गणतंत्र दिवस` का महत्वपूर्ण पर्व दस्तक दे चुका हैl दिल्ली के राजपथ पर झांकियों के रूप में हम सब भारत के आगत-अनागत को देखते हैंl दुनिया दांतों तले उंगली दबा लेती है,दुश्मन सहम जाते हैंl हर … Read more

भारतीय नारी कल और आज

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हमारा देश आजाद हुए सात दशक से अधिक का समय हो चुका है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त तथा महीयसी महादेवी वर्मा प्रसाद जी की पंक्तिया `अबला जीवन यही कहानी आँचल में है दूध आँखों में पानी`,`एक नहीं दो दो मात्राएं नर से बढ़कर नारी नारी नहीं बन्दिनी हूँ`,जैसी पंक्तियों का अर्थ … Read more

`पत्र तुम्हारे लिए` लुप्तप्राय विधा हेतु एक सशक्त प्रयास

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आकर्षक आवरण वह भी विषयवस्तु के अनुसार `पत्र तुम्हारे लिए` पुस्तक है। साहित्य जगत उसमें समाज के सन्देश के आदान-प्रदान वाली कभी लोकप्रिय रहने वाली विधा जो आज लुप्तप्राय है। पत्र साहित्य पर केन्द्रित इस कृति का सम्पादन डॉ. विमला भंडारी ने किया है। कभी दूर देश से आने वाले … Read more

फंसना न इनके दांव में

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ कोयल की कुहू-कुहू कभी कौए की कांव-कांव में। पथ भटके हुओं की मंजिल न किसी गाँव में। दर-दर ठोकरें खायी,हुए पसीने से तर-बतर, थोड़ा ठहरो सुस्ता लो बैठ किसी पीपल की छाँव में। जब पूर्व निश्चित हो जाये जाने का स्थल, तभी रखना पाँव पार करने को किसी नाव में। … Read more

सुभाष-भगत बन सबक सिखायेंगे

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ मत समझो हम गांधीवादी हैं हरकतों को सहते ही जायेंगे, नित करोगे आतंकी अलगाव और हिंसा हम न कह पायेंगे। अब समय गया जो कबूतर उड़ाये जाते थे संवाद दुहराये- हमने ठाना हर हरकत पे सुभाष भगत बन सबक सिखायेंगेll परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में … Read more

सावधान दुष्टों

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आज हिमालय बोल उठा है देश के दुश्मन और गद्दारों से, सावधान दुष्टों अभी भरत भूमि विहीन नहीं हैं राष्ट्रदुलारों से। सैनिकों का सर्वस्व समर्पण देश के लिए सीमाओं पर खड़ा है- जिसने कल तक समझा कमजोर उसको दिया जबाब बड़ा है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून … Read more