सभी नागरिक एक बराबर

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** ईश्वर ने एकात्म दृष्टि से,मानव का निर्माण कियासभी जनों को एक भाव से,ही सारा अनुदान दिया। हवा चल रही सदा-सदा से,सबको वह मिल जाती हैकोई बोए,कोई काटे,धरती फसल उगाती है। सूरज अंतर कभी नहीं,करता प्रकाश फैलाने मेंबिल्कुल भेद नहीं करता है,मेघ नीर बरसाने में। बिना भेद हर छाँव पथिक के,तन की थकन … Read more

वक्त नहीं चुप रहने का

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** तन से कोमल,मन से निर्मल,विधि ने नारी सृजन कियासौम्य,शीलता,लज्जा का,कितना सुंदर आवरण दिया। देवी,सबला,शक्ति,कहकर,देवों ने सम्मान दियापर मानव,दानव बन बैठा,पल-पल ही अपमान किया। आखिर क्या हो गया हमारे,संस्कृति,रीति-रिवाजों कोकिसने किया विषैला,कड़ुआ,सुंदर-सभ्य समाजों को। पश्चिम की बीमार सभ्यता,चिकनी-चुपड़ी बोल रहीभोगों का व्यापार बढ़ाने,जहर हवा में घोल रही। कुछ नादान लड़कियां फंसती,जाती हैं इन … Read more

शाकाहारी बन जाओ

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** मदिरा,मांस,तामसी भोजन,का जो भक्षण करते हैंमहामारियों के प्रकोप से,बिना मौत वे मरते हैं।पंच गव्य के साथ-साथ,जो सात्विक भोजन करते हैंमहामारियों के कुचक्र से,सदा सुरक्षित रहते हैं।जितने भी जन नायक थे,लगभग सब शाकाहारी थेतिलक,कबीर,गोखले,गांधी,सभी अहिंसाधारी थे।वक्त यही कह रहा दोस्तों,रीति सनातन अपनाओ।छोड़ राक्षसी खान-पान सब,शाकाहारी बन जाओ॥ परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो … Read more

माँ दुर्गा स्तुति

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** जय मंगल मयि, मंगल कारिणि,जय जगदम्बे,जय जग तारिणि।लीला ललित-अमित विस्तारिणि,असुर विनासनि,जय दुःख हारिणि।शोक निकंदनि,जय सुख कारिणि,सौम्य-सुधा सर्वत्र प्रसारिणि॥मोह-रात्रि,दारुण-दुःख हारिणि,जय जगदम्बे, जय जग तारिणि।जय करुणामयि,जय भय हारिणि,जय जगजननी,जय अनुपायिनि॥शांतिमयी हे शोक नसावनि,भाग्य विधायिनि,जय वरदायिनि॥रोग,शोक,भय,क्लेश,विदारिणि,जय जगदम्बे,जय जग तारिणि।शैलसुता हे ब्रम्हचारणी,घंटाचन्द्र कूषमंडाणी।मातु षडानन हे कात्यायनि,कालरात्रि,गौरी कल्याणी॥सिद्ध दायनी,हे सत धारिणि,जय जगदम्बे,जय जग तारिणि।गुप्त रूप तू,प्रगट रूप … Read more

खतरा है गद्दारों से

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** मंदिर से न मस्जिद से,गिरिजा घर न गुरूद्वारों से।खतरा तो है हमें साथियों,छिपे हुए गद्दारों से। अपने बन कर अपनों ने,अपनो पर रंग जमाया है।अपना लहू बगावत करने,चौराहे पर आया है।अपने घर के दीपक ने,अपना आशिया जलाया है।घात लगाकर के अपनों ने,अपनों को मरवाया है।आस्तीन के साँपों से,बचना मतलब के यारों से।खतरा … Read more

विश्वास

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** वेदना की मुंडेरों पर,दर्द बांसुरी-सा बजाता हैएक नया विश्वास रोज़,नई जिंदगी को सजाता है। चौखट पर राधा कहीं,सांवरे को बुलाती हैकान्हा-सी जिंदगी,मुदित हुई जाती है। विश्वास है बाती,दिया भी है साथीजिसमें है रौशनी,सब जगमगाता है। गहराएं अंधेरे,आएं बहुत चुपके सेपलकों की कोरों में,अश्रु कोई बहाता है। फिर भी ये मन,निराश नहीं … Read more

फांसी जरूरी

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** कानूनी हथकड़ियों को अब,और कड़ा करना होगा…आतंकी,नक्सलियों को अब,तड़प-तड़प मरना होगा।पागल कुत्ते,हिरण,भेड़िए,की हत्या मजबूरी है।देश,समाज,व्यक्ति की खातिर,फांसी इन्हें जरूरी है॥ परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम … Read more

बस्तियों में रहती हूँ

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** मैं वो हिंदी हूँतुम्हारे ड्राइंगरुम में नहींबस्तियों में रहती हूँ,तुम्हारी सभाओं-सम्मानों,पुरस्कारों में नहींदिखती हूँ।अपनी जीत केप्रति आश्वस्त हूँ,तुम्हारे फ़ूल मालाओं,लम्बे-लम्बे भाषणों मेंनहीं कही जातीं। मैं देश की करोड़ों,आत्माओं की अंतर्यामीबहुआयामी भाषा हूँ,मैं हिंदी हूँ आज कीदेश की भाषा हूँ।मुझीं में बंगला,गुजराती-पंजाबीकन्नड़,उर्दू,इंग्लिश,सभी बोलियां बोई हैसभी से मिल-जुल कर,हिंदोस्तानी निकालतीं है। शहर की … Read more

समानता,स्वतंत्रता और स्वछंदता में अंतर समझना अति आवश्यक

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** कुदरत ने यह सृष्टि नर और मादा से निर्मित की है,दोनों के अधिकार और कर्तव्य एक-दूसरे के पूरक और बराबर हैं। नर-नारी दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। सबसे प्राचीन और विकसित सनातन संस्कृति तो इससे भी एक कदम आगे बढ़कर ‘यत्र नार्यास्तु पूज्यंते,रमंते तत्र देवता’ के सिद्धांत का प्रतिपादन करती है। … Read more

महके ओ हमजोली

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** लगाए जख्म में मरहम,वही होती मधुर बोली।हँसाती,गुदगुदाती,छेड़ती,महके ओ हमजोली॥यूँ तो जीवन हुआ पतझड़,और काँटों भरी राहें।अगर मधुमास दिख जाए,तो समझो आ गई होली॥ परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी … Read more