आप पत्थर नहीं,हरी दूब हो

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** आप पत्थर नहींहरी दूब हो,आपको इतनातो महसूस हो। मन सजाओ जराहरे दरख्त-सा,नयन से नयन मेंन‌ई धूम हो। आप नश्तर नहींओंस की बूंद हो,आपको भी ये सावनमहसूस…

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अभिमान है हिंदी

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** देश की जुबान है हिंदी,हिंदुस्तान की शान है हिंदी। कह दो कि सबकी पहचान है हिंदी,इस दिल से निकली ईमान है हिंदी। हिमाला मुकुट बना भारतीं…

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चूक ना जाएं ये रिश्ते ऋतुओं से

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… जहां तक हो जल,वहीं तक बादल है,वहीं पर जीवन हो,वहीं पर नवल है। बचाना है इक-इक बूँदें बरसाती,धरा गरमाई कबसे…

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बस्तियों में रहती हूँ

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** मैं वो हिंदी हूँतुम्हारे ड्राइंगरुम में नहींबस्तियों में रहती हूँ,तुम्हारी सभाओं-सम्मानों,पुरस्कारों में नहींदिखती हूँ।अपनी जीत केप्रति आश्वस्त हूँ,तुम्हारे फ़ूल मालाओं,लम्बे-लम्बे भाषणों मेंनहीं कही जातीं। मैं देश…

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